Holika Dahan 2024 Date and Time:होली रंगों का त्यौहार है और हिंदू धर्म में होली का विशेष महत्व भी है, ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को यह त्यौहार मनाया जाता है. पहले दिन होलिका जलाई जाती है जिसे होलिका दहन के रूप में जाना जाता है और दूसरे दिन होली खेली जाती है मतलब रंग गुलाल अबीर से होली का त्योहार मनाया जाता है. होलिका दहन और रंग गुलाल से होली खेलने के लिए अगर शुभ मुहूर्त का भी ख्याल रखा जाए तो उसका और विशेष लाभ मिलता है, शुभ फल की प्राप्ति होती है.
होली और होलिका दहन कब ?
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि होली फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी उपरांत पूर्णिमा तिथि को पड़ रही है. 24 मार्च 2024 को होलिका दहन होगा, इस दिन रविवार पड़ रहा है.
भद्रा कब से कब तक, होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त
24 तारीख को जैसे ही होली का पर्व शुरू होगा, उस दिन भद्रा भी प्रारंभ हो रहा है. भद्रा सुबह 9:30 बजे से प्रारंभ हो जाएगा और रात में 10:28 पर खत्म भी हो जाएगा. वैसे इस बार भद्रा पाताल लोक में है और जब भद्रा पाताल लोक और स्वर्ग लोक में हो तो ये मान्य नहीं होता है. लेकिन फिर भी आज के समय में कुछ लोग इसे मानते हैं. वैसे भी प्रचलित लोगों में धारणा है कि भद्रा चल रहा है, तो ऐसे कार्य न करें. चूंकि, भद्रा रात्रि में 10:28 पर खत्म होगा तो इस समय से ही होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त की शुरुआत होगी.
ऐसे करें होलिका दहन
पंचांग के अनुसार रात में 10:28 बजे के बाद होलिका दहन करना शुभ माना जाएगा, होलिका दहन के लिए सर्वप्रथम जो भी लोग हैं, वो होलिका बना लें और जैसे ही भद्रा समाप्त हो होलिका के पास जाकर हल्दी, सिंदूर , चावल, नारियल, अगरबत्ती, बताशा लेकर वहां पहुंचें. पूजन करें और किसी पात्र में अग्नि लेकर वहां दो बार या तीन बार घूम करके होलिका में अग्नि प्रज्वलित करें. अग्नि प्रज्वलित करने के बाद उसकी लौ को जरूर देखें और फिर घर जाएं. वहां सभी के मस्तक में लाल पीला हरा टीका लगाएं और घर में आकर खुशियां मनाएं.