रांची:संयुक्त बिहार झारखंड की राजमहल सीट भारतीय लोकतंत्र में लोकसभा के लिए हुए दूसरे लोकसभा चुनाव में अस्तित्व में आई. 1957 में हुए दूसरे लोकसभा चुनाव में इस सीट पर मतदान हुआ और यहां से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने जीत दर्ज की. 1957 में इस सीट पर हुए पहले लोकसभा चुनाव में पाइका मुर्मू ने जीत हासिल की. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को कुल 47.01 फीसदी मत मिले थे. जबकि झारखंड पार्टी के रॉबर्ट सैम्युल बेसरा को 45.8 फीसदी वोट मिले थे.
1962 के लोकसभा चुनाव के नतीजे
1962 में हुए दूसरे लोकसभा चुनाव में राजमहल सीट कांग्रेस के हाथ से निकल गई. यहां से झारखंड पार्टी के ईश्वर मरांडी ने जीत दर्ज की. उन्हें कुल 50 फीसदी मत मिले थे. जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को 37.5 फीसदी वोट मत मिले.
1967 लोकसभा चुनाव
1967 के हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1962 के झारखंड पार्टी के विजेता ईश्वर मरांडी को अपनी पार्टी में लाया और टिकट दिया. जिसके कारण राजमहल सीट से कांग्रेस उम्मीदवार ईश्वर मरांडी ने जीत दर्ज की. ईश्वर मरांडी को कुल 26.6 फीसदी वोट मिले. जबकि स्वतंत्र पार्टी से चुनाव लड़े रामस्वरूप बेसरा को 22.5 फीसदी वोट मिले.
1971 के चुनाव नतीजे
1971 के लोकसभा चुनाव में फिर से ये सीट भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पास ही रही. यहां से एक बार फिर ईश्वर मरांडी ने ही जीत दर्ज की. उन्हें 44.4 फीसदी वोट मिले. जबकि बिहार प्रांत हुल झारखंड पार्टी को 28.5 और भारतीय जनसंघ को 15.7 फीसदी मत प्राप्त हुए थे.
1977 लोकसभा चुनाव में हारी कांग्रेस
1977 के हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने अपना उम्मीदवार बदला और यह सीट कांग्रेस के हाथ से निकल गई. यहां से कांग्रेस ने योगेश चन्द्र मुर्मू को अपना उम्मीदवार बनाया था. जिन्हें 1977 के लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. यहां से भारतीय लोकदल ने अपनी जीत दर्ज की. राजमहल सीट पर 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय लोकदल के अंथोनी मुर्मू ने जीत दर्ज की. उन्हें कुल 66.3 फीसदी वोट मिले थे. जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को 25.8 फीसदी मत ही प्राप्त हुए थे.
1980 लोकसभा चुनाव ने हासिल की जीत
1980 के हुए लोकसभा चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस पार्टी ने अपने उम्मीदवार को बदला और यहां से जीत हासिल की. इस बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने यहां से सेठ हेंब्रम को टिकट दिया. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के को कुल 39.4 फीसदी मत मिले थे. जबकि जनता पार्टी के पालू हांसदा को 21.8 फीसदी वोट मिले थे.
1984 में सेठ हेंब्रम ने दर्ज की जीत
1984 की हुई लोकसभा चुनाव में इस सीट से एक बार फिर कांग्रेस के सेठ हेंब्रम की ही जीत हुई. उन्हें कुल 48.6 फीसदी वोट मिले. जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा के साइमन मरांडी को 23.8 फीसदी वोट मिले थे.
1989 में राजमहल सीट कांग्रेस ने गंवाई
1989 को हुए लोकसभा चुनाव में राजमहल सीट पर परिवर्तन हुआ और यहां पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के साइमन मरांडी ने जीत दर्ज की. साइमन मरांडी को कुल 56.6 फीसदी मत मिले. जबकि इससे पहले लगातार दो बार सीट पर कब्जा जमाए सेठ हेंब्रम 16.7 फीसदी मत ही प्राप्त कर सके.
1991 में झामुमो ने जीता राजमहल
1991 में हुए लोकसभा चुनाव में एक बार फिर झारखंड मुक्ति मोर्चा के साइमन मरांडी ने इस सीट पर जीत दर्ज की. साइमन मरांडी को कुल 37.5 फीसदी वोट मिले. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार यहां पर बदला था और थॉमस हांसदा को उम्मीदवार बनाया था. हालांकि वे जीत दर्ज नहीं कर सकें, उन्हें सिर्फ 30.6 फीसदी वोट ही प्राप्त हो सके. जबकि भारतीय जनता पार्टी के संतलाल मरांडी को 26.9 फीसदी मत प्राप्त हुए.
1996 में कांग्रेस ने दर्ज की जीत