रांची: चतरा जिला संयुक्त बिहार में 1957 में पहली बार लोकसभा क्षेत्र बना. 1957 में चतरा लोकसभा क्षेत्र से छोटा नागपुर संथाल परगना जनता पार्टी की उम्मीदवार विजया राजे विजयी हुए थे. इन्हें कुल 66 फीसदी वोट मिले थे, जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के चपलेन्दु भट्टाचार्य को 34 फीसदी वोट प्राप्त हुए. 1962 में हुए चुनाव में चतरा जिले में दो लोकसभा क्षेत्र थे. पहला छतरपुर लोकसभा सीट जो उड़ीसा के हिस्से को भी जोड़ती थी. यहां से शर्मा अनंत त्रिपाठी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विजयी हुए थे. जिन्हें कुल 58 फीसदी को प्राप्त हुए थे.
1967 के चुनाव
1967 के चुनाव में भी चतरा लोकसभा और छतरपुर लोकसभा के लिए चुनाव हुए थे, चतरा लोकसभा चुनाव में स्वतंत्र उम्मीदवार विजया राजे विजयी हुए थे, जिन्हें 32.9 फीसदी वोट मिले थे. जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एसपी भवानी को 22 फीसदी वोट मिले थे. वहीं 1962 में छतरपुर चतरा के लिए हुए लोकसभा चुनाव में जेआर रचाकोन्सा ने जीत दर्ज की थी वे कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार थे, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को कुल 50.5 फीसदी थी. जबकि स्वतंत्र पार्टी को 30.8 और निर्दलीय उम्मीदवार को 7.30 रिपोर्ट प्राप्त हुए थे
1971 में कांग्रेस ने जीती सीट
1971 की लोकसभा चुनाव में चतरा लोकसभा सीट पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने जीत दर्ज की जिस पर शंकर दयाल सिंह को 42.5 फ़ीसदी वोट मिले थे, जबकि जनता पार्टी के विजय राजे को 35.8 फ़ीसदी रिपोर्ट प्राप्त हुए थे. वहीं 1971 में छतरपुर के लिए हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ही विजयी हुई थी. इसमें जगन्नाथ राव को 58 फीसदी वोट मिले थे जबकि उत्कल को 24.8 फ़ीसदी मत प्राप्त हुए थे
1977 के चुनाव में भारतीय लोकदल में हासिल की जीत
1977 में चतरा लोकसभा अकेली की सीट बन गई और यहां से 1977 के लोकसभा चुनाव में भारतीय लोकदल ने जीत दर्ज की. सुखदेव प्रसाद वर्मा को 73.2 फ़ीसदी वोट मिले थे जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के शंकर दयाल सिंह को 21.7 फीसदी रिपोर्ट प्राप्त हुए थे.
1980 में फिर जीती कांग्रेस
1980 के लोकसभा चुनाव में यहां से फिर कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की. हालांकि इस बार कांग्रेस पार्टी ने अपने उम्मीदवार को बदला और रंजीत सिंह को टिकट दिया था. कांग्रेस पार्टी को 1980 के लोकसभा चुनाव में कुल 38.2 फ़ीसदी वोट मिले थे, जबकि जनता पार्टी के सुखदेव प्रसाद वर्मा को 22.8 और जनता पार्टी सेकुलर को 16.9 फीसदी रिपोर्ट प्राप्त हुए थे.
1984 में कांग्रेस पार्टी ने बचाई अपनी सीट
1984 के लोकसभा चुनाव में यहां से फिर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस जीती. लेकिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने इस बार भी अपने उम्मीदवार का बदलाव करते हुए योगेश्वर प्रसाद योगेश को अपना उम्मीदवार बनाया था. इन्हें 55.02 फीसदी रिपोर्ट मिले थे. इस बार इंडियन कांग्रेस से सुखदेव प्रसाद वर्मा ने चुनाव लड़ा था और उन्हें 14.2 फीसदी वोट मिले थे. इंदर सिंह नामधारी भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर यहां से चुनाव लड़े थे उन्हें 14.1 फीसदी वोट प्राप्त हुए थे.
1989 में जनता दल ने सीट पर किया कब्जा
1989 की लोकसभा चुनाव में चतरा लोकसभा सीट पर जनता दल का कब्जा हुआ. जनता दल के उम्मीदवार उपेंद्र नाथ वर्मा को 48.6 फिसदी वोट मिले. जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की योगेश प्रसाद योगेश को 31.9 फीसदी वोट प्राप्त हुए.
1991 में जनता दल ने फिर हासिल की जीत
1991 की लोकसभा चुनाव में भी यहां जनता दल ने जीत हासिल की. उनके उम्मीदवार उपेंद्र नाथ वर्मा को 34.7 फीसदी वोट मिले. हालांकि भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवार का बदलाव किया था और धीरेंद्र अग्रवाल को अपना उम्मीदवार बनाया था. भारतीय जनता पार्टी को 25.3 फीसदी वोट मिले थे.
1996 में पहली बार जीती बीजेपी
1996 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने चतरा लोकसभा सीट पर पहली बार जीत दर्ज की. यहां से धीरेंद्र अग्रवाल विजयी हुए. भारतीय जनता पार्टी को कुल 42 फ़ीसदी मत प्राप्त हुए थे, जबकि जनता दल को 31.5 फ़ीसदी वोट मिले थे.
1998 में फिर जीती बीजेपी