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शिमला से मंडी तक बारिश के बाद मलबा बना मुसीबत, 115 सड़कें बंद, करसोग में HRTC की बसें फंसी, मौसम विभाग का येलो अलर्ट - Himachal Road Closed

Himachal Pradesh Roads Closed after heavy Rain Flood: हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में हो रही झमाझम बारिश अपने साथ मुसीबत लेकर भी आ रही है. सबसे ज्यादा नुकसान मंडी जिले में हुआ है. प्रदेश में भर में फिलहाल 115 सड़कें बंद हैं और मंडी से जो तस्वीरें सामने आ रही हैं वो पिछले साल की यादें ताजा कर रही हैं. इस बीच मौसम विभाग ने भी बारिश का अलर्ट जारी किया है. कहां हुआ है कितना नुकसान, जानने के लिए पढ़ें

हिमाचल में बारिश के बाद की तस्वीरें
हिमाचल में बारिश के बाद की तस्वीरें (ETV Bharat)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 4, 2024, 1:53 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून की शुरुआती बारिश के साथ ही तबाही की दस्तक होने लगी है. पिछले हफ्ते हल्की फुहारों के साथ आए मानसून के बाद प्रदेशभर में नदी नाले उफान पर हैं. उधर मौसम विभाग की ओर से चार दिन भारी बारिश का अलर्ट भी जारी किया है. प्रदेश में पहली बरसात के बाद ही आम जनजीवन पर असर पड़ा है. कई सड़कें बंद हैं तो कई जगह बिजली-पानी की किल्लत शुरू हो गई है. शुरूआती बारिश के बाद हिमाचल प्रदेश स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के आंकड़े सामने आए हैं.

मंडी जिले में 107 सड़कें बंद

मानसून की पहली बारिश का सबसे ज्यादा असर मंडी जिले में दिख रहा है. प्रदेशभर में कुल 115 सड़कें बंद हैं. इनमें से मंडी जिले में 107 सड़कें बंद हैं. मंडी जिले के सराज में सबसे ज्यादा 39 सड़कें बंद हैं. वहीं करसोग में 28, थलौट में 22, सुंदरनगर में 9, नेरचौक में 5 और मंडी, गोहर सब डिविजन में 2-2 सड़कें बंद हैं.

करसोग में मलबे की चपेट में HRTC की बसें (ETV Bharat)

मंडी में ही चंडीगढ़-मनाली हाइवे का एक हिस्सा धंस रहा है. पंडोह डैम के पास हाइवे पर बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं, जिससे हाइवे पर खतरा मंडरा रहा है. मंडी के अलावा चंबा जिले में 4, सोलन जिले में 3 और कांगड़ा के इंदौरा में एक सड़क पर वाहनों की आवाजाही बंद है.

बारिश के कारण कई जगह बत्ती गुल

बारिश के बाद प्रदेशभर के कई इलाकों में बिजली की समस्या हो गई है. हिमाचल प्रदेश स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के मुताबिक प्रदेशभर में गुरुवार सुबह तक 212 ट्रांसफार्मर बाधित हुए इनमें से सबसे ज्यादा 147 मंडी जिले में हैं. इसके अलावा कुल्लू में 42, चंबा में 16, सोलन में 7 ट्रांसफार्मर्स पर असर पड़ा है और इन इलाकों में बिजली बाधित हुई हैं. पहली बारिश से पेयजल सप्लाई योजनाओं पर भी असर पड़ा है. प्रदेशभर में 17 योजनाएं बाधित हुई हैं और ये सभी शिमला जिले में हैं. ठियोग सब डिविजन में 10 और कुमारसैन सबडिविजन में 7 पेयजल योजनाएं बाधित हुई हैं.

सराज में बारिश के बाद मलबे में दफन गाड़ियां (ETV Bharat)

मंडी जिले पर बरपा कहर

गौरतलब है कि पिछले साल आई आपदा का दंश सबसे ज्यादा मंडी जिले ने ही झेला था. इस बार भी अब तक मानसून की शुरूआती बारिश में मंडी जिले में भूस्खलन से लेकर बाढ़ जैसे हालात देखने को मिले हैं. प्रदेशभर में कुल 115 सड़कें बंद है इनमें से 107 मंडी जिले में है. वहीं 212 बाधित ट्रांसफार्मर में से 147 मंडी जिले से हैं.

सराज और करसोग में तबाही के निशान

मंडी जिले के सराज में मंगलवार रात आई तेज बारिश के बाद बुधवार सुबह जो नजारा दिखा उसने लोगों को पिछले साल की यादें ताजा करवा दी थी. यहां अनाह ग्राम पंचायत में तेज बारिश के बाद नाले में बाढ़ आ गई जिसके कारण गाड़ियां मलबे में दब गई और कई घरों को भी नुकसान हुआ. पहली बारिश के बाद नाले में आई बाढ़ के कारण कई घरों पर खतरा मंडरा रहा है.

उधर करसोग में बीती रात मूसलाधार बारिश के बाद फ्लैश फ्लड जैसे हालात हो गए. बाढ़ के साथ आए मलबे ने एचआरटीसी की बसों से लेकर, पार्किंग में खड़ी कार और जीप को भी जद में ले लिया. कई वाहन मलबे में फंस गए, जिससे वाहनों और सड़क को भी नुकसान हुआ है.

शिमला में बारिश के बाद सड़क पर आया मलबा (ETV Bharat)

शिमला में भी बारिश के बाद सड़क बंद

बीती रात को हुई जमकर बारिश के बाद राजधानी शिमला में भी चक्कर क्रॉसिंग पर भारी मलबा सड़क पर आ गया. जिसके कारण दोनों तरह से वाहनों की आवाजाही घंटों तक बंद रही. PWD विभाग के मुताबिक जेसीबी की मदद से जल्द ही मलबे को हटा लिया जाएगा. इसके अलावा हिमलैंड-खलीणी लिंक रोड़ पर भी पेड़ टूटकर आ गिरा. जिससे सड़क पर आवाजाही बाधित हो गई.

4 दिन के लिए बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग की ओर से बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है. आज प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में बारिश की संभावना है. मौसम विभाग ने अगले एक हफ्ते तक बारिश की चेतावनी जारी की है. खासकर 7 जुलाई तक बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. मौसम की चेतावनी को देखते हुए जिला प्रशासन भी अलर्ट है और पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को नदी नालों के किनारे ना जाने की अपील की गई है. शुरुआती बारिश से ही इस बार लोग डरे हुए हैं क्योंकि बीते साल हिमाचल ने बीते 5 दशक से सबसे भयानक आपदा देखी थी. जिसमें 500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी जबकि हजारों लोगों ने अपने आशियाने गंवाए थे. हिमाचल सरकार के मुताबिक पिछले साल हुई तबाही से प्रदेश को 10 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ था.

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