शिमला: हिमाचली धाम और पारंपरिक व्यंजन सिड्डू के बारे में तो आप सब जानते ही होंगे. आज हम आपको हिमाचल के पौष्टिक फ्रूट किंब के बारे में बताने जा रहे हैं, जो सर्दियों में लगभग हर घर में बनाया जाता. हिमाचल के कई जिलों में किंब (खट्टा) को अलग-अलग नाम से जाना जाता है. शिमला, मंडी, बिलासपुर और हमीरपुर में जहां इसे किंब और गलगल कहा जाता है. वहीं, कांगड़ा और चंबा में इसे दडुंज खट्टा भी कहा जाता है. वहीं, अगर कोई किंब चाट का एक बार स्वाद चख ले तो वह खुद को किंब का दीवाना होने से नहीं रोक सकता है.
विंटर कार्निवल में किंब चाट की डिमांड
इन दिनों शिमला में विंटर कार्निवल चल रहा है. इस दौरान देश विदेश से पर्यटक रिज मैदान विंटर कार्निवल देखने आ रहे हैं और हिमाचल की संस्कृति और व्यंजन का आनंद ले रहे हैं. ऐसे में रिज मैदान आने वाले पर्यटकों को एक अनोखी जायकेदार और सेहत से भरपूर किंब चाट खाने का मौका मिल रहा है. वहीं, किंब चाट का स्वाद लोगों को अपना दीवाने हुए है. किंब चाट के स्टॉल पर लोगों की भीड़ देखने को मिल रही है. बाहरी राज्यों के लोग भी किंब के चटकारे लगाते हुए नजर आ रहे है.
हिमाचल में हर घरों में बनता है ये खट्टा
सर्दियों में हिमाचल में लगभग हर घर में ये खट्टा बनाया जाता है. हिमाचल में लोग मीठी-मीठी धूप में बैठकर खट्टा बनाकर खाते है. शिमला विंटर कार्निवल फेस्टिवल फूड स्टॉल में भी किंब खूब सुर्खियां बटोर रहा है. इसको बनाने में सिलबट्टे पर पिसे गए नमक का इस्तेमाल किया जाता है. आम तौर पर जो मसाले हम इस्तेमाल करते है वो किंब बनाने में इस्तेमाल नहीं किए जाते. शिमला कार्निवाल के दौरान ऊना जिले के धर्मेंद्र ठाकुर ने किंब चाट का स्टॉल लगाया हुआ है. ऐसे में ईटीवी भारत संवाददाता श्रेया शर्मा ने न सिर्फ उनसे किंब चाट की रेसिपी को समझा, बल्कि इस चाट खाने के हेल्थ बेनिफिट के बारे में भी जाना.
कैसे बनाई जाती है किंब चाट
सबसे पहले किंब का छिलका निकाल कर उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा जाता है. उसके बाद किंब में सिलबट्टे पर पिसा हुआ नमक डालते है. साथ ही हरी चटनी और पुदीने की चटनी इसमें डाली जाती है. खट्टा मीठा स्वाद देने के लिए इसमें शक्कर या फिर गुड़ डाला जाता है. साथ ही सादा नमक, काला नमक, सेंधा नमक और काली मिर्च इसमें डाली जाती है. कुल मिलाकर मसालों के जादू से किंब चाट बेहद ही स्वादिष्ट बनता है.