शिमला: करीब 97 प्रतिशत हिंदू जनसंख्या वाले शांत राज्य हिमाचल प्रदेश में 2024 एक ऐसे विवाद का साल रहा, जिसकी वजह से देवभूमि देश भर में सुर्खियों में रही. राजधानी शिमला के सबसे बड़े उपनगर संजौली में एक मस्जिद आजादी के समय की बताई जाती है. अगस्त महीने में शिमला के ही एक अन्य उपनगर मल्याणा में मारपीट की घटना होती है. मारपीट के आरोपियों का बाद में कथित रूप से संजौली की मस्जिद में छिपने का समाचार आता है. गुस्साए लोग मस्जिद के पास पहुंचकर हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए विरोध जताते हैं.
शिमला के डीसी, एसपी व नगर निगम शिमला के कमिश्नर भीड़ को समझाते हैं. आश्वासन मिलता है कि कार्रवाई होगी। गुस्साए लोग मान जाते हैं, लेकिन इसी बीच संजौली मस्जिद में अवैध रूप से बनाई जा रही तीन मंजिलों का मामला सामने आता है. विधानसभा का मानसून सेशन जारी था. सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह सदन में एक ऐसा बयान देते हैं, जो देश भर की सुर्खियों में छा जाता है. मानसून सेशन में नियम-62 के तहत मल्याणा में मारपीट और फिर संजौली मस्जिद में आरोपियों के छिपने से जुड़े मामले पर चर्चा हो गई.
कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने सदन में यहां तक कहा कि बाहर से आ रहे लोग माहौल खराब कर रहे हैं. उन्होंने लव जिहाद की बात कही और यहां तक दावा किया कि रोहिंग्या भी हिमाचल में आ चुके हैं. अनिरुद्ध सिंह ने मस्जिद को अवैध बताते हुए कहा कि उसे गिराया जाना चाहिए. उनके इस बयान की देश भर में चर्चा हो गई. संजौली में 11 सितंबर को विशाल प्रदर्शन हुआ. सैंकड़ों की संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था, लेकिन भारी भीड़ के आगे पुलिस की एक न चली. लाठीचार्ज हुआ, पुलिस पर पथराव भी किया गया और अंतत: हिंदु समुदाय का गुस्सा देखते हुए मस्जिद कमेटी ने सामने आकर कहा कि वो अवैध निर्माण गिराने को तैयार हैं. इस समय मस्जिद की तीन अवैध मंजिलों में पचास प्रतिशत निर्माण हटाया जा चुका है. मामला अदालत में चल रहा है. यहां ईटीवी की ईयर एंडर सीरीज के तहत इस मामले की सिलसिलेवार कड़ियां जोड़ते हैं.
अगस्त के अंत में मारपीट की घटना से तनाव
अगस्त महीने की 30 तारीख की रात को शिमला के समीपवर्ती उपनगर मल्याणा में विक्रम सिंह नामक कारोबारी अपनी दुकान बंद कर घर जा रहा था. आरोप है कि वहां समुदाय विशेष के युवाओं ने उसके साथ मारपीट की. विक्रम सिंह के सिर में गंभीर चोटें आई और 14 टांके लगे. मारपीट के आरोपियों में दो तो नाबालिग थे. ढली थाना में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार विक्रम सिंह 30 अगस्त की रात साढ़े आठ बजे अपना लोक मित्र केंद्र बंद कर घर जा रहा था कि रास्ते में एक लड़का शोर मचा रहा था. विक्रम ने उसे रोका तो वहां मोहम्मद गुलनवाज अपने अन्य साथियों के साथ आया और वे मारपीट करने लगे. एक लड़के ने डंडे से विक्रम के सिर पर प्रहार किया.
शिकायत में कहा गया कि गुलनवाज और उसके साथियों ने जयपाल व राजीव शर्मा से भी मारपीट की. ढली पुलिस ने छह आरोपियों की पहचान की. इनमें एक आरोपी उत्तराखंड का और बाकी सभी यूपी के मुजफ्फरनगर के रहने वाले थे. जब मल्याणा के लोग पुलिस के एक्शन से संतुष्ट नहीं हुए तो संजौली में मस्जिद के समक्ष प्रदर्शन कर उसे अवैध बताते हुए गिराने की मांग की गई.
सदन में पहुंचा मामला, सत्ता पक्ष में दिखी दरार
विधानसभा का मानसून सेशन जारी था. इसी बीच, संजौली में मस्जिद विवाद सामने आ गया. इस पर सदन में नियम-62 में चर्चा हुई तो अनिरुद्ध ने सख्त रुख अपनाया. मामला सियासी भी हो गया और सत्ता पक्ष में दरार दिखी. दरअसल, संजौली उपनगर शिमला शहरी विधानसभा में आता है. वहीं, मल्याणा का इलाका कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र के तहत है. शिमला शहरी से कांग्रेस विधायक हरीश जनार्था का कहना था कि दूसरे विधानसभा क्षेत्र की मारपीट का मसला उनके विधानसभा क्षेत्र में नहीं आना चाहिए था. वहीं, अनिरुद्ध सिंह का कहना था कि संजौली वाला आंदोलन बिल्कुल सही था और वे इसकी जिम्मेदारी लेते हैं.
सितंबर महीने में संजौली पहुंच गया देश भर का मीडिया
हिंदु संगठनों ने देवभूमि संघर्ष समिति के बैनर तले 11 सितंबर को मस्जिद में अवैध निर्माण को गिराने की मांग को लेकर भारी प्रदर्शन किया. देश भर का मीडिया शिमला में जुट गया. संजौली में सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो गया. संजौली में प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए इतना अधिक पुलिस बल था कि यहां ऐसा दृश्य पहली बार देखने में आया. देश भर के मीडिया कर्मी संजौली के बाशिंदों से बात करना चाहते थे. इस आंदोलन का असर हुआ कि नगर निगम कमिश्नर की कोर्ट में चल रहे अवैध निर्माण के मामले की सुनवाई में सक्रियता और तेजी दिखाई दी. इससे पूर्व 7 सितंबर को एमसी शिमला कोर्ट में सुनवाई हुई और आयुक्त भूपेंद्र अत्रि ने संजौली मस्जिद कमेटी और वक्फ बोर्ड से कई सवाल पूछे. मामले की सुनवाई 5 अक्टूबर को तय की गई.
मुस्लिम पक्ष ने खुद कर डाली अवैध निर्माण हटाने की पहल