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शिक्षकों के तबादलों में दोहरे मापदंड पर हाईकोर्ट की सख्ती, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक के खिलाफ अदालत की कड़ी टिप्पणी - Himachal HC On Teachers Transfer

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 5, 2024, 7:43 PM IST

Himachal High court strict on double standards in teachers transfer: हिमाचल प्रदेश में शिक्षकों के तबादलों पर दोहरा मापदंड अपनाने को लेकर हाईकोर्ट ने सख्त नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने मामले में प्रारंभिक शिक्षा निदेशक के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की. पढ़िए पूरी खबर...

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिक्षकों के तबादलों पर दोहरा मापदंड अपनाने पर सख्त नाराजगी जताई है. अदालत ने इसके लिए राज्य सरकार के प्रारंभिक शिक्षा निदेशक के खिलाफ कड़ी टिप्पणी भी की है. हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव व शिक्षा विभाग के सचिव को आदेश जारी किए हैं कि वो प्रारंभिक शिक्षा निदेशक के दोहरे मापदंडों के बारे में अवगत करवाए. यही नहीं, हाईकोर्ट ने शिक्षा सचिव से पूछा है कि क्या वह प्रारंभिक शिक्षा निदेशक के इन दोहरे मापदंडों से अवगत हैं? यदि अवगत हैं तो उक्त शिक्षा निदेशक के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? यदि अवगत नहीं हैं तो प्रारंभिक शिक्षा निदेशक के खिलाफ क्या एक्शन लिया जाएगा?

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने प्रार्थी रमन कुमार की तरफ से दाखिल याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद ये आदेश जारी किए हैं. हाईकोर्ट ने शिक्षा सचिव को मंगलवार 10 सितंबर तक उपरोक्त जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से अदालत के सामने रखने के लिए आदेश जारी किए हैं. मामले के अनुसार प्रार्थी रमन कुमार की नियुक्ति वर्ष 2020 में जिला चंबा के राजकीय माध्यमिक विद्यालय खजुआ बिहाली में बतौर टीजीटी नॉन मेडिकल हुई थी. ट्राइबल क्षेत्र में तीन वर्ष का सामान्य कार्यकाल पूरा करने के बाद प्रार्थी ने ट्राइबल क्षेत्र से अपने तबादले के लिए शिक्षा विभाग को प्रतिवेदन दिया. प्रार्थी के प्रतिवेदन पर कार्रवाई न होने पर उसने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की.

हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को प्रार्थी के प्रतिवेदन पर चार सप्ताह के भीतर निर्णय लेने के आदेश जारी किए. इसके बाद प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने प्रतिवेदन खारिज करते हुए कहा कि मौजूदा शैक्षणिक सत्र के मध्य में प्रार्थी का तबादला करना प्रशासनिक और जनहित में वाजिब नहीं है. इस आदेश को प्रार्थी ने फिर से अदालत में चुनौती दी. प्रार्थी ने अदालत को बताया प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने भेदभावपूर्ण तरीके से उसके प्रतिवेदन को खारिज किया.

हाईकोर्ट ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने पर पाया कि उक्त शिक्षा निदेशक ने एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों शिक्षकों के तबादला आदेश शैक्षणिक सत्र के मध्य में किए हैं. शिक्षा निदेशक के ऐसे आचरण पर टिप्पणी करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि कम से कम यह तो कहें कि ऐसा कृत्य वाकई शर्मनाक और अपमानजनक है.

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