शिमला:वर्ष 1975 में देश में आपातकाल लागू किया गया था. उस दौरान जेल जाने वाले नेताओं के लिए हिमाचल की पूर्व जयराम सरकार ने लोकतंत्र प्रहरी सम्मान राशि योजना शुरू की थी. इसके लिए बाकायदा हिमाचल विधानसभा में बिल लाया गया था. सत्ता में आने के बाद सुखविंदर सिंह सरकार ने इस योजना को बंद कर दिया था. मामला हाईकोर्ट में पहुंचा. अब हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि रोकी गई लोकतंत्र प्रहरी सम्मान राशि को जारी किया जाए.
मौजूदा सरकार ने फरवरी 2023 से ये राशि जारी नहीं की है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा यह सम्मान राशि रोके जाने को गलत ठहराते हुए इसे जारी करने के आदेश दिए. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने इस मामले में लोकतंत्र सेनानी संघ हिमाचल प्रदेश की याचिका को स्वीकार करते हुए संघ के सदस्यों को सम्मान राशि जारी करने के आदेश दिए. अदालत ने ये भी स्पष्ट किया कि जब तक सम्मान राशि से जुड़ा कानून प्रभावी है तब तक सरकार इस राशि को नहीं रोक सकती. मौजूदा सरकार ने लोकतन्त्र सेनानियों की सम्मान राशि फरवरी 2023 से रोक रखी है.
मामले के अनुसार पूर्व में जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली सरकार ने वर्ष 2019 में हिमाचल प्रदेश लोकतन्त्र प्रहरी सम्मान राशि योजना बनाई थी. इसके बाद प्रदेश सरकार ने इस योजना को कानूनी मान्यता देने के लिए वर्ष 2021 में हिमाचल प्रदेश लोकतन्त्र प्रहरी सम्मान अधिनियम पारित किया. इसका उद्देश्य देश में इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लगाए आपातकाल के दौरान जेल अथवा पुलिस थानों में 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 के बीच राजनीतिक और सामाजिक कारणों से बंद किए लोकतंत्र प्रहरियों को सम्मान राशि प्रदान करना है. राज्य में यह कानून 6 मई 2021 को लागू किया गया.