शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने चंबा के चौगान की सुरक्षा और इसके भूमि कटाव को रोकने के लिए जरूरी उपाय किए जाने की इजाजत दे दी है. कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान नगर परिषद चंबा की ओर से स्थिति रिपोर्ट पेश की गई. इसके अनुसार चौगान की सुरक्षा और संरक्षण के लिए एसपी आवास के पास पार्किंग की रिटेनिंग वॉल के निर्माण का कार्य हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग के साथ उठाया गया है.
चौगान की सुरक्षा के लिए आवश्यक निविदा जारी कर दी गई है, ताकि इसे भूस्खलन के खतरे से बचाया जा सके. इसके साथ ही अगले छह महीनों में काम पूरा किया जाना है. इस पर मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधवालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने सरकार को जरूरी कार्य करने की अनुमति देने के आदेश जारी किए. कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख तक नई स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश भी दिए.
निर्माण पर रोक लगाने के दिए थे आदेश
उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने 11 मई 2023 को चंबा के चौगान के पांचों हिस्सों के चारों तरफ किसी भी निर्माण पर रोक लगाने के आदेश दिए थे. इसके बाद निगम की ओर से एसपी कार्यालय के पास पार्किंग, बरसात के कारण हुए भूमि कटाव को रोकने के लिए डंगे के निर्माण की इजाजत मांगी थी. इस मामले में कोर्ट ने चंबा प्लानिंग क्षेत्र में विकास योजना का उल्लंघन कर बनाए गए सभी निर्माणों को गिराने के आदेश भी जारी किए थे.
कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि अवैध निर्माण पाए जाने पर एक माह के भीतर नोटिस जारी करने से लेकर जांच की प्रक्रिया पूरी करने के बाद व्यक्ति विशेष अथवा सरकारी विभाग की ओर से किए गए अवैध निर्माण और कब्जों को हटाना होगा. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि यह आदेश विशेष परिस्थितियों में जारी किए जा रहे हैं, इसलिए अवैध कब्जे हटाते समय नगर निगम अधिनियम के तहत प्रक्रिया को अपनाने की कोई जरूरत नहीं है.
हाईकोर्ट ने चंबा के चौगान के चारों तरफ नगर परिषद चंबा की ओर से दुकानों का निर्माण किये जाने के मामले में संज्ञान लिया है. कोर्ट ने कला क्षेत्र में पद्म श्री पुरस्कार विजेता विजय शर्मा की ओर से मुख्य न्यायाधीश के नाम लिखे पत्र पर संज्ञान लेते हुए यह आदेश पारित किए हैं. जिसमें आरोप लगाया गया है कि नगर परिषद चंबा की तरफ से चंबा के चौगान के चारों तरफ दुकानों का निर्माण किया जा रहा है. वहीं, राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2007 में जारी अधिसूचना के तहत चंबा के चौगान के चारों तरफ किसी भी प्रकार के निर्माण पर रोक लगाई गयी है. यह भी आरोप लगाया गया है कि इस अवैध निर्माण से चौगान को नुकसान पहुंच रहा है.
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