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व्हाट्सएप पर आ रहा PM हेल्थ कार्ड का APK लिंक! गलती से भी न करें डाउनलोड, वरना मिनटों में खाली होगा खाता - KULLU FRAUD CASE

कुल्लू के आनी में PM हेल्थ कार्ड के APK लिंक के जरिए शातिरों ने लाखों रुपयों की ठगी को अंजाम दिया.

KULLU FRAUD CASE
कुल्लू साइबर क्राइम मामला (File Photo)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 22, 2024, 11:16 AM IST

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में आए दिन साइबर क्राइम के मामले सामने आ रहे हैं. शातिरों द्वारा नए-नए तरीके अपना कर लोगों को ठगा जा रहा है. प्रदेश के भोले-भाले लोग भी इन ठगों के जाल में फंस कर अपनी लाखों की पूंजी गंवा बैठ रहे हैं. कुल्लू जिले में दो मामलों के तहत शातिरों ने लाखों की ठगी की है. उपमंडल आनी में पीएम हेल्थ कार्ड के जरिए शातिरों ने साढ़े चार लाख रुपए की ठगी को अंजाम दिया है. आनी पुलिस ने केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है.

पहले मामले में 3 लाख से ज्यादा की ठगी

डीएसपी आनी चन्द्रशेखर कायथ ने बताया कि पहले मामले में आनी खंड की पोखरी पंचायत के प्रधान भीमसेन साइबर ठगी का शिकार हुए हैं. प्रधान भीमसेन ने पुलिस थाना आनी व साइबर सेल में मामला दर्ज करवा दिया है. शिकायतकर्ता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 28 अक्टूबर को उनके एक परिचित व्यक्ति ने पीएम हेल्थ कार्ड का लाभ उठाने के लिए एक संदेश व APK फाइल लिंक भेजा. जिसे ओपन करने के कुछ समय बाद उनके बैंक से लिंक मोबाइल नंबर पर ओटीपी आते रहे, लेकिन उन्होंने न तो ओटीपी किसी के साथ शेयर किए और न ही किसी तरह का कोई लेन-देन किया. कुछ ही देर में उन्हें उनके खाते 3,30,900 रुपए निकाले जाने का मैसेज आया. जिसके बाद उन्होंने बैंक के टोल फ्री नंबर पर शिकायत की तो पता चला कि उनके अकाउंट से पैसे मनीमाजरा (चंडीगढ़) में किसी बैंक खाते में ट्रांसफर हुए हैं.

दूसरे मामले में 1 लाख से ज्यादा की ठगी

वहीं, दूसरे मामले में साइबर ठगी का शिकार बीमा एजेंट का काम करने वाले महेंद्र सिंह हुए हैं. महेंद्र सिंह ने भी 30 अक्टूबर को मोबाइल पर किसी द्वारा भेजा गया पीएम हेल्थ कार्ड का लिंक खोला. जिसके बाद शातिरों ने उनके बैंक खाते से पहली बार 93 हजार रुपए और दूसरी बार 28 हजार रुपए निकाल लिए. पुलिस ने दोनों मामलों में केस दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है.

डीएसपी आनी चन्द्रशेखर कायथ ने बताया, "भीमसेन और महेंद्र सिंह ने जब APK लिंक खोला तो उनके मोबाइल फोन की स्क्रीन शातिरों के साथ शेयर हो गई. इसके बाद दोनों के मोबाइल फोन पर बैंक के ओटीपी आते रहे. जिन्हें देखकर शातिर इनके बैंक खातों से पैसे निकालते रहे. इलाके में कई स्थानीय प्रतिष्ठित लोगों ने विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुप में इस तरह के मैसेज शेयर किए थे. आनी में कई लोग इस ठगी के शिकार बताए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक दो मामले ही दर्ज हुए हैं. पुलिस ने मामले में आगामी जांच शुरू कर दी है."

साइबर ठगी से कैसे बचें ?

आनी पुलिस के मुताबिक सतर्कता से ही इस तरह की ठगी से बचा जा सकता है. इसके लिए लोगों को कुछ खास बातों का ध्यान रखना होगा.

  1. किसी भी अनजान फाइल्स को ओपन करने या डाउनलोड करने से बचें.
  2. फोन पर एंटीवायरस रखें और उसे टाइम टू टाइम अपडेट जरूर करें.
  3. अगर कोई भी गतिविधि संदिग्ध लगती है तो तुरंत साइबर सेल के हेल्पलाइन नंबर या पुलिस से संपर्क करें.
  4. फोन पर ई-कार्ड या निमंत्रण पत्र आए तो पहले भेजने वाले का नंबर जरूर चेक करें.
  5. अनजान नंबर है तो ऐसे मैसेज को खोलने से बचें.
  6. अगर फाइल APK है तो इसे डाउनलोड न करें.

डीएसपी आनी चन्द्रशेखर कायथ ने बताया, "एपीके यानी एंड्रायड पैकेजिंग किट में एक एप्लीकेशन कोड होता है. इस फाइल से फोन में वायरस इंस्टॉल किया जाता है. इससे आपके फोन का कांटेक्ट लिस्ट, बैंकिंग डिटेल, गैलरी व जरूरी जानकारी तक का ठगों को एक्सेस मिल जाता है. ठग इससे फोन हैक कर आपको बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं."

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