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'जिसने भी कर्मचारियों से पंगा लिया, उसकी सत्ता में नहीं हुई वापसी, जयराम सरकार को भी चुकानी पड़ी थी कीमत' - HIMACHAL EMPLOYEES ON SUKHU GOVT

सीएसआरसीसी के राज्य अध्यक्ष ठाकुर देवीलाल ने सुक्खू सरकार को चेतावनी दी. उन्होंने कहा जिसने कर्मचारियों से पंगा लिया, उसकी सत्ता में वापसी नहीं हुई.

सुक्खू सरकार को देवीलाल की चेतावनी
सुक्खू सरकार को देवीलाल की चेतावनी (ETV Bharat)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 21, 2024, 7:29 AM IST

शिमला:हिमाचल में सुक्खू सरकार के लिए सुख की खबर नहीं हैं. प्रदेश में डीए और एरियर को लेकर संघर्ष कर रहे कर्मचारियों और पेंशनर्स की सरकार के खिलाफ चल रही नाराजगी दूर नहीं हुई है. हालांकि, हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं परिसंघ के आंदोलन के बाद सुक्खू सरकार ने दशहरे एक दिन पूर्व कर्मचारियों और पेंशनर्स की सैलरी और पेंशन 28 अक्टूबर को खाते में डालने का ऐलान किया था. इसके साथ ही 4 फीसदी डीए की किश्त जारी करने की भी घोषणा की थी.

वहीं प्रदेश सरकार ने चतुर्थ श्रेणियों के कर्मचारियों को भी 1 जनवरी 2016 से संशोधित वेतनमान के एरियर का 20 हजार भुगतान करने का भी भरोसा दिया था, जिसकी अधिसूचना भी सरकार ने जारी कर दी है. लेकिन रिटायर कर्मचारियों ने हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं परिसंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा के खिलाफ लाए गए प्रिविलेज मोशन के निर्णय से सख्त नाराज है. जिसके लिए सुक्खू सरकार को कर्मचारियों के खिलाफ पंगा न लेने की चेतावनी दी गई है. कॉरपोरेट सेक्टर रिटायरीज कॉर्डिनेशन कमेटी (सीएसआरसीसी) के राज्य अध्यक्ष ठाकुर देवीलाल ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि सरकार को ज्यादा हवा में नहीं रहना चाहिए, जिसने भी कर्मचारियों से पंगा लिया, उसकी सत्ता में वापसी नहीं हुई है.

सुक्खू सरकार को ठाकुर देवीलाल ने दी चेतावनी (ETV Bharat)

सचिवालय कर्मचारियों ने किया संघर्ष तभी मिला डीए:कॉरपोरेट सेक्टर रिटायरीज कॉर्डिनेशन कमेटी के राज्य अध्यक्ष ठाकुर देवीलाल ने कहा, "सरकार ने हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने संघर्ष के बाद ही 4 फीसदी डीए दिया है. लेकिन जिस प्रकार से प्रदेश सरकार ने उनके खिलाफ प्रिविलेज मोशन लाया है, उसकी कड़ी शब्दों में निंदा करता हूं. ये बहुत ही शर्म की बात हैं. इस तरह की कार्रवाई इतिहास में पहली बार की गई हैं. मैं कर्मचारियों को लड़ाई को लेकर 1980 से संघर्षरत रहा हूं. फिर चाहे 1980, 1985 या फिर 1986 में कैपिटल अलाउंस को लेकर की गई हड़ताल हो, जब भी कर्मचारियों की सभाएं होती थी, उसमें सरकार के खिलाफ बहुत कुछ बोला जाता था. लेकिन पुरानी सरकारों ने कभी भी कर्मचारियों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई नहीं की. वर्तमान सरकार ने हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारियों के खिलाफ जो प्रिविलेज मोशन लाया हैं, तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाना चाहिए".

फाइनेंस सेक्रेटरी की वजह से गई जयराम सरकार:ठाकुर देवीलाल ने कहा, "सरकार को ज्यादा हवा में नहीं रहना चाहिए, जो कर्मचारी के साथ पंगा लेता है, उसे कर्मचारी कभी बर्दाश्त नहीं करते हैं. पिछली सरकार कहती थी कि हम रिपीट कर रहे हैं. मैंने उस समय भी पूर्व मुख्यमंत्री जयराम सरकार से कहा था कि आप रिपीट नहीं कर रहे हैं, आप सत्ता से बाहर जा रहे हैं. आपकी सरकार को फाइनेंस सेक्रेटरी बाहर जाने का रास्ता बता रहे हैं. लेकिन जयराम ठाकुर ने हमारी बात नहीं सुनी. जब हारने के बाद पीटरहॉफ में भाजपा का मंथन हुआ था, मैंने तब भी कहा था कि आपकी सरकार वित्त विभाग की वजह से हारी है. पूर्व सरकार का उन पर कोई भी कंट्रोल नहीं था".

मुख्यमंत्री का कर्मचारियों से पंगा लेना ठीक नहीं:ठाकुर देवीलाल ने कहा, "वर्तमान सरकार सारे काम कर्मचारियों के विरुद्ध कर रही है. जिससे सरकार के खिलाफ कर्मचारियों में नाराजगी है. उन्होंने कहा कि सरकार सुबह कुछ बोलती है और शाम को कुछ बोलती हैं. मुख्यमंत्री ने पहले कहा कि प्रॉफिट में चल रहे निगमों और बोर्डों कर्मचारियों को एरियर दिया जाएगा. लेकिन इसको लेकर चार महीने से ऑर्डर नहीं किए गए हैं. वहीं हमारी पेंशन का मामला भी सुप्रीम कोर्ट में हियरिंग के लिए चला गया है. हम मुख्यमंत्री को तब भी समझाते रहे, लेकिन सीएम ने राज्य सरकार के घाटे में होने का हवाला दिया. मेरा मुख्यमंत्री से आग्रह है कि कर्मचारियों से पंगा लेना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि सचिवालय कर्मचारियों ने सही मुद्दा उठाया है. मेरा विभिन्न कर्मचारी संगठनों से भी निवेदन है कि आपसी मतभेद भुलाकर अपनी मांगों को लेकर एक हो जाएं".

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