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"OPS को लेकर अब सरकार से आर-पार की लड़ाई", बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने दिया 15 दिन का अल्टीमेटम

दिवाली बीत जाने के बाद भी ओपीएस का वादा पूरा न होने पर बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल लिया है.

HIMACHAL ELECTRICITY BOARD EMPLOYEE on OPS
हिमाचल बिजली बोर्ड कर्मचारी (ETV Bharat)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 5 hours ago

शिमला:हिमाचल में भले ही सुक्खू सरकार ने इस महीने की सैलरी और पेंशन चार दिन पहले यानी 28 अक्टूबर को ही खाते में डाल कर लाखों कर्मचारियों और पेंशनरों को दिवाली का तोहफा दिया था. यही नहीं सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनरों की नाराजगी दूर करने के लिए डीए की 4 फीसदी किश्त भी दिवाली से पहले सैलरी और पेंशन के साथ ही जारी कर दी थी, लेकिन प्रदेश में हजारों कर्मचारी ऐसे भी हैं, जिनकी उम्मीदों की झोली ओपीएस का वादा पूरा न होने से खाली है.

सीएम के निर्देशों के बाद भी नहीं लागू हुई OPS

हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने ओपीएस की सुविधा से वंचित बिजली बोर्ड के हजारों कर्मचारियों को इस साल फरवरी से ओल्ड पेंशन स्कीम देने का भरोसा दिया था. मुख्यमंत्री ने सैद्धांतिक तौर पर OPS लागू करने की मंजूरी दे दी थी. जिसको लेकर अधिकारियों को भी पुरानी पेंशन लागू करने के निर्देश दिए गए थे. सरकार के इस वादे से नगर निगम कर्मचारियों में भी OPS लागू होने की उम्मीद जगी थी, लेकिन दिवाली बीतने के बाद भी अब तक हजारों कर्मचारियों की उम्मीदों की झोली खाली रह गई है.

बिजली बोर्ड कर्मचारियों को OPS का इंतजार

हिमाचल में सुक्खू सरकार को सत्ता संभाले हुए 23 महीने का समय हो गया है, लेकिन प्रदेश में 8 हजार से अधिक कर्मचारी ऐसे हैं, जो अभी तक OPS लागू होने का इंतजार कर रहे हैं. इसमें सबसे ज्यादा करीब 6100 कर्मचारी बिजली बोर्ड के हैं. जो अपना OPS का हक लेने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इसके अलावा नगर निगमों में भी दो हजार के करीब कर्मचारियों को OPS का इंतजार है.

8 लाख से ज्यादा कर्मचारी OPS के लिए कर रहे संघर्ष

बता दें कि कांग्रेस ने साल 2022 के विधानसभा चुनाव में कर्मचारियों से सत्ता में आते ही OPS को बहाल करने का वादा किया था. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का कर्मचारियों से किया गया ये वादा काम भी कर गया था और पार्टी ने 40 सीटों पर जीत हासिल की थी. प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार बनी. जिसके बाद पहली ही कैबिनेट की बैठक में सुक्खू सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने की मंजूरी दे दी थी. ऐसे में प्रदेश के विभिन्न विभागों सहित निगमों और बोर्डों में करीब 1.36 लाख कर्मचारियों को ओपीएस का तोहफा मिला था, लेकिन इसके बाद अब बिजली बोर्ड और नगर निगम में 8 हजार से ज्यादा कर्मचारी OPS के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

एक सप्ताह हफ्ता किया था प्रदर्शन

बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने मांगों को लेकर पहले भी बिजली बोर्ड के मुख्यालय कुमार हाउस के बाहर भोजन अवकाश के दौरान मांगों को लेकर रोजाना प्रदर्शन किया था, जो करीब एक सप्ताह तक चला. जिसमें बिजली बोर्ड के सैकड़ों कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अड़े थे. नए साल में बोर्ड कर्मचारियों को 1 जनवरी को वेतन और पेंशन जारी न होने से नाराज कर्मचारियों ने प्रदर्शन शुरू किया था. पहले करीब चार दिन कर्मचारी वेतन और पेंशन की अदायगी होने की मांग कर रहे थे, लेकिन बाद में कर्मियों ने ओपीएस बहाली और प्रबंध निदेशक को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी रखा था. जिसके हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड इंजीनियर व कर्मचारी ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने सीएम सुक्खू से मुलाकात की थी. इस दौरान बिजली बोर्ड कर्मचारियों को सरकार ने फरवरी 2024 से ओल्ड पेंशन स्कीम देने का भरोसा दिया था.

हिमाचल प्रदेश राज्य बोर्ड के कर्मचारियों और इंजीनियरों की संयुक्त संघर्ष समिति के सह संयोजक हीरालाल वर्मा ने कहा,"मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद अफसरशाही ओपीएस बहाली में आनाकानी कर रही हैं. इसको लेकर कर्मचारी कर्मचारी कई बार संघर्ष कर चुके हैं, लेकिन अब इस मांग को लेकर सरकार से आर पार की लड़ाई लड़ी जाएगी. सरकार को 15 दिनों में OPS सहित अन्य मांगों को पूरा करने का अल्टीमेटम दिया गया है."

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