कुल्लू: देश की राजधानी दिल्ली के बॉर्डर पर जिस तरह से लद्दाख के पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक व उनके साथ पैदल चल रहे सहयोगियों को रोका गया और पुलिस के द्वारा जिस तरह से उन्हें थाने में ले जाकर डिटेन किया गया, वो सब लोकतंत्र के विरुद्ध है. केंद्र की सरकार इस मामले में तानाशाही रवैया को अपना रही है. ये बात ढालपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के समय हिमाचल क्लाइमेट वॉरियर संस्था के प्रदेश समन्वयक महिमन चंद्र ने कही.
महिमन चंद्र ने इस पूरी घटना की निंदा करते हुए कहा,"सोनम वांगचुक कई दिनों से लेह से पैदल दिल्ली की यात्रा कर रहे हैं. 2 अक्टूबर को उन्होंने राजघाट पर जाकर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करना था. सोनम वांगचुक केंद्र सरकार के समक्ष जो अपनी मांगें रख रहे हैं, वो सभी मांगे पहले ही चुनाव के दौरान केंद्र सरकार के द्वारा मानी गई है, लेकिन उसके बाद सरकार इन सब मांगों को भूल गई है. इन्हीं सभी मांगों को याद दिलाने के लिए सोनम वांगचुक के द्वारा यह पैदल यात्रा की गई थी, लेकिन सरकार अपने तानाशाही रवैया से आम जनता की आवाज को दबाने का काम कर रही है."