चेरी के बारे में जानकारी देते व्यापारी यशवंत शर्मा शिमला: हिमाचल प्रदेश की रसीली चेरी ने मंडियों में दस्तक दे दी है. शिमला में चेरी सीजन की शुरुआत हो गयी है. शनिवार को ढली मंडी में कुमारसेन के धनापानी की चेरी प्रतिकिलो 250 रुपये प्रतिकिलो बिकी. सीजन की शुरुआत में ही बागवानों को लगभग 250 रुपये प्रति किलो तक रेट मिल रहे हैं. हालांकि इस बार देरी से चेरी का सीजन शुरू हुआ है.
पिछले साल 10 दिन पहले गुठलीदार फलों ने मंडी में दस्तक दी थी. इस साल 27 अप्रैल को चेरी मंडी में पहुंची है और शुरुआत में ही 250 रुपये प्रतिकिलो का रेट मिला है. प्रदेश में चेरी की सबसे अधिक पैदावार शिमला जिले के ननखड़ी, कोटगढ़ और नारकंडा क्षेत्रों में होती है.
व्यापारी यशवंत शर्मा ने कहा कि इस वर्ष गुठलीदार फलों का सीजन लगभग दस दिन देरी से शुरू हुआ है. अभी कम मात्रा में ही मंडी में चेरी पहुंची है. लगभग 10 दिनों बाद चेरी का सीजन पूरी तरीके से आरंभ हो जाएगा. अभी शुरुआती दौर में थोड़ी हल्की और कुछ बेहतर किस्म के डिब्बे भी मंडी में आये हैं. मंडी में आज 130 रुपये से 250 रुपये प्रतिकिलो तक चेरी बिक्री है और जल्द ही जब सीजन पूरी तरह आरंभ हो जाएगा तो बेहतर किस्म की चेरी मंडी में आएगी और दामों में भी बढ़ोतरी होगी.
500 करोड़ का कारोबार
हिमाचल के शिमला, सोलन, सिरमौर, कुल्लू, मंडी और किन्नौर में बड़े पैमाने पर गुठलीदार फलों का उत्पादन होता है. जो क्षेत्र सेब के उत्पादन के लिए अनुकूल नहीं है वहां भी गुठलीदार फलों की अच्छी पैदावार हो रही है. मौजूदा समय में हिमाचल में गुठलीदार फलों का करीब 500 करोड़ का कारोबार हो रहा है. खास कर चेरी की बाहरी राज्यो में काफी ज्यादा डिमांड रहती है.