शिमला: हिमाचल प्रदेश में लोकसभा की सभी चार सीटें बेशक भाजपा की झोली में जा रही हैं, लेकिन राज्यसभा सीट पर क्रॉस वोटिंग करने वाले बागियों को जनता ने सबक सिखाया है. दोपहर तक छह में से तीन सीटों के परिणाम सामने आ चुके हैं. सुजानपुर, लाहौल व गगरेट सीट पर कांग्रेस से बागी होकर भाजपा टिकट पर चुनाव लड़े नेता परास्त हो गए हैं.
सबसे अधिक चौंकाने वाली पराजय सुजानपुर सीट से राजेंद्र राणा की देखने को मिली है. राजेंद्र राणा वो चेहरा हैं, जिन्होंने 2017 में दिग्गज नेता प्रेम कुमार धूमल को हराया था. राज्यसभा सीट पर चुनाव में उन्होंने भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन का साथ दिया था. दिलचस्प तथ्य ये रहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में राजेंद्र राणा ने भाजपा के रणजीत राणा को हराया. अब उपचुनाव में रणजीत राणा कांग्रेस के पाले में चले गए और हाथ के चिन्ह पर चुनाव जीत गए. राजेंद्र राणा की हार ने प्रदेश की सियासत में नए समीकरण बनाए हैं. अब राजेंद्र राणा का राजनीति भविष्य क्या होगा, इसे लेकर चर्चा शुरू हो गई है.
वहीं, लाहौल सीट पर तो कांग्रेस से बगावत करके भाजपा टिकट पर लड़े रवि ठाकुर की हार तो और भी चौंकाने वाली घटना है. रवि ठाकुर बुरी तरह से पराजित हुए हैं. आलम ये है कि लाहौल सीट पर भाजपा के बागी रामलाल मारकंडा दूसरे नंबर पर रहे हैं. यहां से कांग्रेस की अनुराधा राणा ने विजय हासिल की. अनुराधा राणा कभी रवि ठाकुर की अनुगामी रही हैं.
इसी तरह गगरेट सीट पर चैतन्य शर्मा चुनाव हार गए हैं. उन्हें राकेश कालिया ने हराया है. राकेश कालिया को कांग्रेस का टिकट मिला और वे चुनाव जीत गए. चैतन्य शर्मा ने भी राज्यसभा सीट पर भाजपा के प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में क्रॉस वोट की थी. कुटलैहड़ से कांग्रेस प्रत्याशी विवेश शर्मा आगे चल रहे हैं.
खैर, सुजानपुर से रणजीत सिंह राणा ने राजेंद्र राणा को 2100 से अधिक मतों के अंतर से हराया है. गगरेट से राकेश कालिया 7970 मतों के अंतर से जीत चुके हैं. अनुराधा राणा भी 1300 से अधिक मतों से जीत चुकी हैं. वहीं, कुटलैहड़ से कांग्रेस प्रत्याशी विवेक शर्मा भी 4272 वोटों से आगे चल रहे हैं. आधिकारिक घोषणा होना बाकी है. इस तरह विधानसभा उपचुनाव में जनता ने बागियों को सबक सिखाया है. अभी तक के रुझानों के अनुसार केवल सुधीर शर्मा व इंद्रदत्त लखनपाल ही विजय की तरफ अग्रसर होते दिख रहे हैं. ऐसे में छह में से चार सीटों पर बागियों की हार हुई है. इस चुनाव परिणाम से प्रदेश की सुखविंदर सिंह सरकार सुरक्षित दिखाई दे रही है. भाजपा के केवल 25 सदस्य हैं. कांग्रेस के 34 सदस्य हैं और चार सीटों पर जीत के बाद ये आंकड़ा और बढ़ जाएगा. यदि धर्मशाला व बड़सर सीट भाजपा के खाते में गई तो पार्टी के पास 27 सदस्य होंगे. तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे स्वीकार होने के बाद अब सदन की सदस्य संख्या 65 रहेगी. इसमें से 38 सीटों पर कांग्रेस के सदस्य होंगे.
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