भोपाल।यूरिक एसिड आपके खून में पाया जाने वाला एक अपशिष्ट उत्पाद है. इसका उत्पादन तब होता है. जब शरीर प्यूरीन नामक रसायनों को संसाधित करता है और तोड़ता है. जिसके बाद यूरिक एसिड रक्त में घुल जाता है और किडनी से होकर आपके मू़त्र में मिलकर बाहर निकल जाता है, लेकिन कई बार यूरिक एसिड जितना आपके शरीर में बन रहा होता है, उतना बाहर नहीं निकल पाता. ऐसे में आपके शरीर में कई परेशानियां होने लगती हैं और इसका समय पर ईलाज न किया जाए, तो भविष्य में कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है.
ऐसे में पहचाने यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण
शरीर में बढ़े हुए यूरिक एसिड की पहचान करना बहुत ही आसान है. इसके बढ़ने पर जोड़ों में दर्द, पैरों और एड़ियों में तेज दर्द, तलवों का लाल होना, ज्यादा प्यास लगना, बार-बार बुखार आना, पैर के अंगूठे में दर्द होना, जोड़ों के उपरी त्वचा के रंगों में बदलाव और शरीर में सूजन हो सकती है. ऐसे में यदि आपको इनमें से कोई समस्या हो रही हो, तो डाक्टरों की सलाह लेना आवश्यक है.
ये है यूरिक एसिड की नार्मल रेंज
भोपाल में जय प्रकाश चिकित्सालय के पूर्व अधीक्षक डॉ. आइके चुघ बताते हैं, कि 'यूरिक एसिड तो सबके शरीर में बनता है, लेकिन अधिकतर मामलों में यह खतरनाक नहीं होता है, क्योंकि किडनी इसे फिल्टर कर शरीर से बाहर निकाल देती है. हालांकि यूरिक एसिड का लेवल शरीर की बनावट अनुसार अलग-अलग होता है. फिर भी पुरुषों में इसकी नार्मल रेंज 3.4 से 7.0 mg/dl और महिलाओं में 2.4 से 6.0 mg/dl होता है. इससे अधिक शरीर में यूरिक एसिड का निर्माण होने से यह जोड़ों में इकठ्ठा होने लगता है.
यूरिक एसिड बढ़ने पर ये खाने से करें बचाव
अधिक यूरिक एसिड बनने पर ज्यादा प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों को खाने से बचना चाहिए. इसमें कुछ विशेष प्रकार के मांस जैसे कलेजी, किडनी, भेजा आदि. मछली और सी फूड के सेवन से भी परहेज करना चाहिए. शक्कर से युक्त चीजों का सेवन भी यूरिक एसिड को बढ़ाने का काम करता है. इसके साथ ही अल्कोहल का सेवन नहीं करना चाहिए.