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औरंगजेब हत्याकांड पर हाईकोर्ट तल्ख, पूछा - मृतक के खिलाफ 11 दिन बाद डकैती का केस कैसे किया दर्ज - Aligarh Aurangzeb murder case

अलीगढ़ के औरंगजेब हत्याकांड मामले पर हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अपनाते हुए सरकार से जबाव तलब किया है. साथ ही कोर्ट ने यह भी पूछा कि, मृतक के खिलाफ डकैती का मुकदमा पुलिस ने कैसे दर्ज किया.

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हाईकोर्ट ने सरकार से किया जबाव तलब (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 10, 2024, 6:50 PM IST

अलीगढ़:यूपी के अलीगढ़ के मामू भांजा इलाके में मॉब लिंचिंग के मामले में मारे गए फरीद उर्फ औरंगजेब के भाई मोहम्मद जकी की गिरफ्तारी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. साथ ही हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से यह भी सवाल किया है कि मृतक के खिलाफ 11 दिन बाद डकैती का मुकदमा कैसे दर्ज किया गया. हाई कोर्ट के जज सिद्धार्थ वर्मा और राम मनोहर नारायण मिश्रा की खंडपीठ ने यह आदेश दिया है. दरअसल 18 जून की रात मामू भांजा इलाके में औरंगजेब की मौत के बाद बवाल हुआ था. गांधी पार्क से देहली गेट इलाके तक लगातार तीन दिनों तक मचे बवाल के बाद पुलिस ने दबाव के चलते 11 दिनों बाद मृतक और उसके भाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था.

बता दें कि, 18 जून की रात औरंगजेब काम से वापस अपने घर लौट रहा था. वहीं, कुछ लोगों ने चोरी के संदेह में घेर कर उसकी पिटाई कर दी. गंभीर हालत में उसे मलखान सिंह जिला अस्पताल भर्ती कराया गया. जहां उसकी मौत हो गई थी. उसके बाद घटना का वीडियो भी वायरल हुआ था. इस मामले में बीजेपी नेता अंकित वार्ष्णेय सहित कई लोगों को आरोपी बनाया गया. वहीं, शहर बीजेपी विधायक और उनके समर्थकों की ओर से बाजार बंद कर हंगामा किया गया था.

घटना के 11 दिन बाद हिंसा के आरोपियों के परिवार की महिला ने मृतक औरंगजेब सहित 9 के खिलाफ छेड़खानी और डकैती की धाराओं में एफआईआर दर्ज कराया. जिसमें महिला की ओर से आरोप लगाया गया की 18 जून की रात को औरंगजेब ने घर में घुसकर छेड़खानी करने की कोशिश की. घर से कीमती सामान भी ले गया. इसी दौरान परिवार के लोगों ने उन्हें बचाया और आरोपियों को भगाया. इस दौरान औरंगजेब का संतुलन बिगड़ गया. वह सीढियों से नीचे गिर गया. जिससे उसकी मौत हो गई. महिला ने अपने शिकायत में औरंगजेब और उसके भाई मोहम्मद जकी सहित छह अन्य लोगों का नाम लिया थाा.

इसी मुकदमे के खिलाफ मोहम्मद जकी ने एफआईआर रद्द करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट का रुख किया. मोहम्मद जकी के वकील तनीषा जहांगीर मुनीर ने कोर्ट में दलील दी कि, यह जवाबी कार्रवाई का मामला है. हत्या के आरोपियों को बचाने के लिए मृतक और उसके परिजनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. 11 दिन बाद मुकदमा दर्ज करते समय पुलिस ने यह भी ध्यान नहीं दिया कि औरंगजेब की मॉब लिंचिंग में मौत हो चुकी है.

पुलिस ने घटना वाले दिन ही रात में मृतक के परिवार की तहरीर पर व्यापारी पक्ष पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर 6 लोगों को जेल भेज दिया था. इस मुकदमे में भीड़ हिंसा का जिक्र है, जो सुर्खियों में रहा था. वही, गिरफ्तारी के विरोध में बीजेपी और व्यापारिक संगठनों ने विरोध किया था. इसके साथ ही औरंगजेब के घर संवेदना जताने के लिए सपा, बसपा, कांग्रेस और चंद्र शेखर आजाद पहुंचे थे. पुलिस पर मुकदमे में हत्या की धारा कम करने का दबाव था.

वहीं पूरे मामले पर पुलिस अगले हफ्ते आरोप पत्र दाखिल कर सकती है. इस मामले में एसएसपी संजीव सुमन का कहना है कि, औरंगजेब की हत्या से जुड़े मुकदमे में चार्जशीट पर काम हो रहा है और तय समय पर उसे कोर्ट में भेजा जाएगा.

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