नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने महालेखा परीक्षक (CAG) को निर्देश दिया कि वो दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के 2018 से लेकर 2021 तक के खातों की जांच में तेजी लाएं. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया. मंगलवार को सुनवाई के दौरान सीएजी की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि उन्हें दिल्ली जब बोर्ड की ओर से 2018-19 से लेकर 2020-21 तक के वार्षिक अकाउंट स्टेटमेंट मिल चुके हैं और उनका ऑडिट चल रहा है. उसके बाद कोर्ट ने याचिका का ये कहते हुए निस्तारण कर दिया कि सीएजी खातों की जांच में तेजी लाएं.
28 नवंबर 2023 को DJB ने कहा था कि उसने अपने छह साल के खातों को जांच के लिए CAG को भेज दिया है. सुनवाई के दौरान डीजेबी की ओर से पेश वकील ने कहा था कि 2015-16 से लेकर 2020-21 तक के वार्षिक खाते तैयार कर लिए गए हैं और उन्हें सीएजी को भेज दिया गया है. याचिका बीजेपी नेता हरीश खुराना ने दायर किया था.
याचिकाकर्ता की ओर से वकील समृद्धि अरोड़ा ने कहा था कि दिल्ली जल बोर्ड एक्ट की धारा 70 के मुताबिक बोर्ड को अपने लाभ और हानि का बैलेंस शीट मेंटेन करना होता है. उन्होंने मांग की थी कि जल बोर्ड को निर्देश दिया जाए कि वो 2015 से लेकर 2021 तक का बैलेंस शीट जारी करें. साथ ही CAG को निर्देश दिया जाए कि वो एक तय समय में दिल्ली जब बोर्ड के खातों का आडिट करें.