प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जौनपुर के डीएम को वृद्धा के शौचालय में ताला जड़ने और याचिका दाखिल करने से नाराज़ होकर ध्वस्त करने की जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि एसडीएम शाहगंज के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाए इससे पहले जांच कराना जरूरी है.
यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह एवं न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह प्रथम की खंडपीठ ने निर्मला मिश्रा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है. कोर्ट ने कहा इस बात की जांच होनी चाहिए कि शौचालय का निर्माण कैसे और किस परिस्थिति में हुआ और किस कारण उसे तोड़ा गया है. कुछ दबंगों ने अपने निहित स्वार्थों के लिए शौचालय को ध्वस्त कर दिया और शिकायत के बावजूद एसडीएम शाहगंज ने उदासीन रवैया अपनाया.
याची को निर्मल ग्राम योजना के तहत 2013 में शाैचालय का लाभ मिला था. शौचालय बना लेकिन आसपास के दबंगों ने अपने हित के लिए उस पर ताला जड़ दिया. याची ने एसडीएम शाहगंज से दो बार गुहार लगाई लेकिन एसडीएम ने ध्यान नहीं दिया. महिला ने शौचालय पर दबंगों का ताला हटाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. हाईकोर्ट ने 23 फरवरी 2023 को एसडीएम को प्रकरण निस्तारित करने का आदेश किया लेकिन एसडीएम ने कोई कार्रवाई नहीं की. याची ने आदेश का अनुपालन न करने पर अवमानना याचिका दाखिल की. हाईकोर्ट ने 11 नवंबर 2023 को एक माह में याची की समस्या का निराकरण करने का आदेश कर याचिका निस्तारित कर दी लेकिन महिला को न्याय नहीं मिल सका. महिला ने तीसरी बार याचिका दाखिल की है. इस पर कोर्ट ने एसडीएम शाहगंज की भूमिका पर सवालिया निशान लगाया है. कोर्ट ने याची की तीसरी याचिका पर पहले सुनवाई करते हुए एसडीएम से रिपोर्ट मांगी थी. एसडीएम ने रिपोर्ट दी कि शौचालय बना था लेकिन जांच में मौके पर नहीं पाया गया. इस पर कोर्ट ने एसडीएम की भूमिका पर नाराजगी जताई और डीएम को जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया.
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