रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में सबसे अधिक 34 सीटें हासिल कर झामुमो ने एतिहासिक जीत हासिल की है. झामुमो का यह अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. हेमंत सोरेन पत्नी कल्पना सोरेन के साथ पैतृक गांव नेमरा पहुंचे. कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया. बता दें गुरुवार 28 नवंबर को चौथी बार हेमंत सोरेन सीएम पद की शपथ लेंगे. बुधवार को दिशोम गुरू शिबू सोरेन के पिता और हेमंत सोरेन के दादा सोबरन मांझी का शहादत दिवस है. नेमरा में हेमंत सोरेन अपने दादा के शहादत दिवस समारोह में शामिल हुए.
हेमंत सोरेन और गांडेय विधायक कल्पना सोरेन विधानसभा चुनाव 2024 में जीत दर्ज करने के बाद रामगढ़ जिले में पहली बार पहुंचे. बुधवार को शहीद सोबरन सोरेन के शहादत दिवस के मौके पर हेलीकॉप्टर से रामगढ़ पहुंचे. बरलंगा थाना क्षेत्र के लुकैयाटांड़ स्थित शहीद सोबरन सोरेन की शहादत स्थल पर पूजा अर्चना कर प्रतिमा पर माल्यार्पण कर विनम्र श्रद्धांजलि दी. इस दौरान सभा को संबोधित करने के बाद अपने पैतृक गांव नेमरा स्थित घर भी गए.
सीएम हेमंत सोरेन दादा सोबरन सोरेन के शहादत सामारोह में शामिल हुए (ईटीवी भारत) रामगढ़ जिले के बरलंगा थाना क्षेत्र के लुकैयाटांड़ स्थित स्मारक स्थल पर शहीद सोबरन सोरेन का 67वां शहादत दिवस मनाया गया. इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने दादा के संघर्ष की कहानी बताई. उन्होंने कहा कि अभी सरकार गठन को लेकर कवायद चल रही है. आप सभी जानते हैं कि इसी स्थान पर इसी पहाड़ों की तराई में कर्मठ व आंदोलनकारी उनके दादा शहीद सोबरन सोरेन का शहादत हुआ था. उन्होंने दलित पिछड़ों के लिए काफी संघर्ष किया.
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि अभी सरकार गठन नहीं हुआ है, जिसके कारण इस अवसर पर परिसंपत्ति उद्घाटन व शिलान्यास का कार्यक्रम नहीं हुआ है. गुरुवार को सरकार की नई पारी शुरू होगी. सीएम सोरेन ने कार्यक्रम स्थल पहुंचे हजारों लोगों को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का निमंत्रण दिया और आने का आग्रह भी किया. उन्होंने कहा कि आप लोगोंने फिर से अबुआ दिशोम अबुआ सरकार चुन कर राज्य की शान बढ़ाई है.
सीएम सोरेन लोगों को अभिवादन करते हुए (ईटीवी भारत) शहीद सोबरन सोरेन राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन के पिता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दादा थे. सोबरन सोरेन शिक्षक थे और उस समय जमींदारी प्रथा का विरोध करते थे. इससे क्षुब्ध होकर जमींदारों महाजनों ने उनकी हत्या 27 नवंबर 1957 को लुकैयाटांड़ में कर दी थी. उसके बाद से उनकी याद में शहादत दिवस इसी स्थान में हर वर्ष मनाया जाता है.
बता दें कि शहीद सोबरन सोरेन ने जमींदारी प्रथा के विरोध में जब आवाज उठाई तो महाजन और जमींदारों ने मिलकर उनकी इसी स्थान पर हत्या कर दी थी. उनकी हत्या के बाद ही शिबू सोरेन ने आंदोलन शुरू किया. इसके बाद दलित, शोषित, पिछड़ों के लिए लड़ाई लड़ी और महाजनी प्रथा को पूरी तरह खत्म करवाया. झारखंड के गरीब गुरबों के लिए आंदोलन कर अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया. गरीबों के संघर्ष को कम करने के लिए वे लगातार प्रयासरत हैं और झारखंड राज्य को अलग करने में अग्रणी भूमिका निभाई.
रामगढ़ में सीएम सोरेन का स्वागत करते हुए (ईटीवी भारत) शहादत स्थल पर दूर दराज से ग्रामीण श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे. शहादत स्थल के आस पास मेले जैसा माहौल था. मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. बड़ी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती पूरे सहादत स्थल के आसपास की गई थी. जेएमएम कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मुख्यमंत्री को सुनने के लिए पहुंचे थे. इस कार्यक्रम में कल्पना सोरेन गांडेय विधायक राज्य मंत्री का दर्जा हासिल फागु बेसरा, रामगढ़ की नवनिर्वाचित विधायक ममता देवी, रामगढ़ डीसी चंदन कुमार, रामगढ़ एसपी अजय कुमार के साथ-साथ जेएमएम जिला कमेटी सहित जिले के अधिकारियों की पूरी टीम उपस्थित थी.
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