रांचीः बकाया बिजली बिल माफी का मैसेज जैसे ही झारखंड के बिजली उपभोक्ताओं को मिला उनका खुशी का ठिकाना नहीं रहा. गरीबी और लाचारी की वजह से लंबे समय से बिजली बिल नहीं देने वाले झारखंड के वैसे उपभोक्ता जो हर महीने 200 यूनिट तक बिजली खर्च करते हैं. उनके लिए हेमंत सरकार का यह निर्णय किसी सौगात से कम नहीं है.
हेमंत सरकार ने राज्य के घरेलू उपभोक्ताओं को ना केवल हर महीने 200 यूनिट तक बिजली खपत करने पर कोई बिजली बिल नहीं लेने का फैसला किया है बल्कि उनके अगस्त 2024 तक की बकाया बिल की राशि भी माफ कर दी है. बिजली माफी के बाद ऐसे उपभोक्ताओं के रजिस्टर्ड मोबाइल पर जेबीवीएनएल द्वारा मैसेज भेजा जा रहा है. इस योजना का लाभ लेने के लिए, उपभोक्ताओं को मीटर रीडर के जरिए बिल दिया जाता है, जिसमें 200 यूनिट तक की खपत होने पर भुगतान में शून्य लिखा होता है.
रांची के निजामनगर की बिजली उपभोक्ता शकीना ने हेमंत सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए खुशी व्यक्त की है. मोबाइल पर आए मैसेज और पुराने बिल को लेकर हरमू सब स्टेशन पहुंची शकीना ने कहा कि अब तक पैसे की कमी की वजह से बिजली बिल नहीं दे पाती थीं. अब सरकार ने इसे मुफ्त कर बड़ा उपकार किया है. इसी तरह विद्यानगर करम चौक के रहने वाले शुभम कहते हैं कि छोटा परिवार रहने की वजह से घर में बिजली की खपत सौ यूनिट तक होती है. सरकार ने पहले सौ फिर सवा सौ और अब 200 यूनिट फ्री करके बड़ा काम किया है. सामान्यतया हर परिवार को इस पर 700 रुपया तक प्रत्येक महीना खर्च होता था. जिसे दूसरे मद में लोग खर्च कर सकेंगे.
इस योजना से जुड़ी कुछ खास बातें
इस योजना का लाभ लेने वाले उपभोक्ताओं को अगस्त 2024 में पहला बिल मिला था. राज्य सरकार को इस योजना पर हर महीने 344.36 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं. इस योजना का लाभ लेने वाले उपभोक्ताओं को 15 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा भी मिलता है. पहले, राज्य के घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त मिलती थी. 39.44 लाख उपभोक्ताओं के बकाया माफी पर 3584.24 करोड़ रुपये का सरकार के ऊपर वित्तीय बोझ पड़ा है. शहरी क्षेत्र के 10,16,521 उपभोक्ताओं पर जून 2024 तक 657.21करोड़ बकाया था जबकि ग्रामीण 41,74,843 घरेलू उपभोक्ता के ऊपर 3349.80 करोड़ बकाया था. बिजली बिल बकाया माफी के तहत जून 2024 तक ग्रामीण क्षेत्र के 33 लाख 07 हजार 294 उपभोक्ताओं के 3200.17 करोड़ और शहरी 6 लाख 37 हजार 094 उपभोक्ता के 384.07 करोड़ माफ हुआ है.