रांची:हेलमेट को जीवन रक्षक माना जाता है. दोपहिया चालकों के लिए यह लगाना अनिवार्य भी है. लेकिन यही हेलमेट अब रांची पुलिस के लिए परेशानी की वजह बन गई है. जो पुलिस हेलमेट न पहनने की वजह से दोपहिया चालकों का चालान काट देती है, अब वही हेलमेट उनके लिए मुसीबत बन गई है. आलम यह है कि अब पुलिस अब हेलमेट का तोड़ खोजने में लगी हुई है.
क्यों हेलमेट की वजह से परेशान है पुलिस
रांची पुलिस हेलमेट को लेकर क्यों परेशान है इसके पीछे कई बड़ी वजह है. दरअसल राजधानी रांची में बड़े अपराध के साथ-साथ छिनतई की वारदातों को अंजाम देने के लिए अब अपराधी हेलमेट का प्रयोग कर रहे हैं. जेवर दुकान में लूट की घटना को अंजाम देना हो या फिर किसी महिला से सोने की चेन छीननी हो, सब में हेलमेट का इस्तेमाल किया जा रहा है. हेलमेट हाफ हो तो अपराधियों की थोड़ी बहुत पहचान भी हो पाए लेकिन अपराधी इतने शातिर हैं कि वह फुल हेलमेट पहनकर घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. हेलमेट पहनकर लूटपाट की वारदातों को अंजाम देने की वजह से अपराधी पहचान में नहीं आते हैं जिसकी वजह से उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.
बड़ी लूट की वारदात हेलमेट पहन कर
रांची पुलिस हेलमेट की वजह से क्यों परेशान है इसके पीछे एक नही आधा दर्जन से ज्यादा घटनाएं हैं. बड़ी घटनाओं की बात करें तो रांची के बिरसा चौक में जेवर दुकान में हुई एक करोड़ 40 लाख की लूट और पंडरा में के जेवर दुकान 40 लाख की लूट में सभी अपराधियों ने लूट की वारदात को हेलमेट पहन कर अंजाम दिया था. इसी तरह दो साल पूर्व डेली मार्केट थाना क्षेत्र में एक जेवर दुकान में भी लूट को अपराधियों ने हेलमेट पहन कर ही अंजाम दिया था, इस वारदात में जेवर दुकानदार की हत्या भी कर दी गई थी, कांड के अपराधी अभी तक पकड़े नहीं गए.
सबसे ज्यादा झपटमारी हेलमेट पहन कर
चेन और मोबाइल स्नेचिंग की घटनाओं में तो अपराधी कभी अपना हेलमेट खोलते ही नहीं. स्नैचिंग की दर्जनों वारदात का सीसीटीवी फुटेज सामने आ चुके हैं जिनमें अपराधी चाहे उनकी संख्या एक हो या फिर दो बिना हेलमेट पहने हुए छिनतई करते ही नहीं हैं.
हेलमेट का फायदा उठा रहे अपराधी
हेलमेट पहनकर अपराध करने का फायदा अपराधियों को मिल रहा है. शहर में जब भी वाहन चेकिंग अभियान शुरू होता है तो बाइक पर सवार जब दोनों लोग हेलमेट पहने हुए होते हैं तब पुलिस उन्हें शक की नजर से नहीं देखती है. अधिकांश बार तो हेलमेट पहने लोगों की चेकिंग तक नहीं की जाती है. पुलिस की इसी मजबूरी का फायदा अपराधी राजधानी में जमकर उठा रहे हैं.