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ट्रेनों में होली पर घर जाने के लोगों की भारी भीड़, जान जोखिम में डाल कर यात्रा कर रहे लोग - Crowd in Train

Crowd In Train For Holi: 25 मार्च को होली पर्व है, लेकिन दूसरे राज्यों में घर लौटने वाले लोगों की मुश्किलें कम नहीं हो रही है. हर साल की तरह इस साल भी स्थिति जस की तस बनी हुई है. ट्रेनों में इस कदर खचाखच भीड़ है कि लोग जान जोखिम में डालकर यात्रा करने को मजबूर हैं.

ट्रेनों में पैर रखने तक की जगह नहीं
ट्रेनों में पैर रखने तक की जगह नहीं

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 22, 2024, 7:59 AM IST

Updated : Mar 22, 2024, 6:30 PM IST

जमुई:होली पर्व पर देश के कोने-कोने से लोग बिहार अपने घर लौटना चाह रहे हैं, लेकिन ट्रेनों में जगह नहीं मिलने की वजह से उनकी मुश्किलें बढ़ी हुई है. जमुई जंक्शन पर हर साल की तरह इस साल भी रेलवे प्रशासन के इंतजाम और दावे खोखले साबित होते दिख रहे हैं, वहीं लोग अपनी जान जोखिम में डाल कर किसी भी तरह बस घर पहुंचना चाह रहे हैं.

ट्रेनों में खचाखच भीड़: ट्रेन में जनरल बोगी से लेकर एसी बोगी तक सभी में ठसाठस भीड़ है. ट्रेन के अंदर पैर रखने तक की जगह नहीं है. ट्रेन पर चढ़ने के बाद किसने टिकट ली है, कौन से क्लास की टिकट ली है, टिकट है भी या नहीं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. ट्रेनों में खडे़ होने की जगह भी मिल जा रही है, यही उनके लिए काफी है. कोई गेट पकड़कर तो कोई पौदान पकड़कर लटक गया है, जिससे कुछ अनहोनी भी हो सकती है.

जंक्शन पर प्रशासनिक व्यवस्था नहीं:पर्व को देखते हुए स्टेशनों पर काफी भीड़ है, इसके बावजूद रेलवे की तरह से भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है. स्टेशन पर रेलवे पुलिस की तैनाती भी नहीं नजर आ रही है. लोग किस तरह से सवारी कर रहे हैं, टिकट है या नहीं, ये सब देखने और पूछने वाला भी कोई नहीं है.

रेलवे के दावे खोखले:बता दें कि पर्व-त्योहार पर यात्रियों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाने की जिम्मेदारी रेलवे की होती है. होली को लेकर बड़ी संख्या में लोग अपने घर पहुंच रहे हैं. जिसको लेकर रेल मंत्रालय की ओर से स्पेशल ट्रेन की घोषणा तो की गई, लेकिन स्थिति समान्य नहीं दिख रही है.

हर साल यही स्थिति:बहरहाल रेलवे की ओर से हर साल त्योहारों में स्पेशल ट्रेनें चलाई जाती हैं, लेकिन लोगों की भीड़ इतनी होती है कि तमाम इंतजाम कम पड़ जाते हैं और लोग जान की बाजी लगाकर सफर करते हैं. हर साल कहीं ना कहीं से अप्रिय घटना की सूचना भी मिलती है, इसके बावजूद लोग ये नहीं समझते कि परिवार के लोग उनके सुरक्षित घर पहुंचने के इंतजार में है.

इसे भी पढ़ेंः छठ स्पेशल ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की मांग, बिहार के मुख्य सचिव ने रेल मंत्रालय से की बात

Last Updated : Mar 22, 2024, 6:30 PM IST

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