अलीगढ़ःयदि आपके बच्चे के दिल की बड़ी बीमारी है तो अब घराने की जरूरत नहीं है. सरकार की ओर से बिल्कुल फ्री इलाज होगा. बस इसके लिए उत्तर प्रदेश का निवासी और गरीबी रेखा से नीचे होने का प्रमाण पत्र होना चाहिए. यह सुविधा सर्जरी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में उपलब्ध है. भारत सरकार के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 18 साल तक के बच्चे का निशुल्क दिल की बीमारी का इलाज और सर्जरी किया जाएगा.
अगर आपके बच्चे को है दिल की बीमारी तो छोड़ दे चिंता, इस अस्पताल में होगा फ्री में इलाज और सर्जरी - AMAU Medical College
अलीगढ़ स्थित मेडिलक कॉलेज दिल की बीमारी से पीड़ित बच्चों के लिए बड़ा सहारा बना है. खासकर उन परिवारों के लिए जो ऐसी बीमारी का खर्च नहीं उठा सकते हैं. आइए जानते हैं कि यहां फ्री में इलाज कराने की क्या प्रक्रिया है.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Sep 3, 2024, 7:42 PM IST
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज व अस्पताल भारत के बड़े सरकारी अस्पतालों में से एक है. जहां पर दूर-दराज से बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए आते हैं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (जेएनएमसी) के कार्डियोथोरेसिक विभाग के सर्जनों की एक टीम ने भारत सरकार के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत अब तक 1500 बच्चौ के दिल की सर्जरी निशुल्क कर चुके हैं.
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आजम ने बताया कि अब तक 5000 सर्जरी की जा चुकी है, जिसमें 1500 भारत सरकार योजना के तहत बच्चों के दिल की सर्जरी की हुई है. उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज में निशुल्क दिल की बीमारी या दिल की सर्जरी करने के लिए परिजनों के पास निवास प्रमाण पत्र और गरीबी रेखा वाला प्रमाण पत्र होना चाहिए. इसके बाद परिजन अपने 18 वर्ष तक के बच्चों के दिल की बीमारी का इलाज और सर्जरी करवा सकते हैं. उन्होंने बताया कि पहले बच्चों की जांच की जाती है और उसके बाद अगर जरूरत पड़ती है तो ऑपरेशन करते हैं.
डॉ. आजम ने बताया कि उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में सर्कुलर जारी किया गया है कि एमएयू के मेडिकल कॉलेज में फ्री में दिल की सर्जरी की जाती है. ऐसे में किसी भी अस्पताल में ऐसे केस आते हैं तो यहां मरीज को भेजा जाता है. उन्होंने बताया कि प्रतिदिन ऐसे 10 मरीजों का देखा जाता है. वहीं, अभी बहुत से बच्चे हैं, जिनकी सर्जरी होनी है. संख्या होने की वजह से वेटिंग में हैं. उन्होंने बताया कि यहां ओपन हार्ट सर्जरी की जाती है. जो कि एम्स दिल्ली में होती है. वहीं, अपने बच्चों का इलाज कराने पहुंचे परिजनों ने अस्पताल और सरकार की इस व्यवस्था से खुश हैं. मरीजों के परिजनों ने बताया कि उन्हें अपने बच्चों के इलाज के लिए एक भी रुपये खर्च नहीं करना पड़ा.
इसे भी पढ़ें-दिल के मरीजों को अब नहीं जाना पड़ेगा लखनऊ-दिल्ली, गोरखपुर एम्स में बन रही कैथ लैब, विशेषज्ञ चिकित्सक करेंगे इलाज