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दिल्ली महिला आयोग में नियुक्तियों में गड़बड़ियों के मामले में स्वाति मालीवाल के खिलाफ दर्ज केस की सुनवाई टली - DCW recruitment case

By ETV Bharat Delhi Team

Published : 4 hours ago

Swati Maliwal Case: दिसंबर 2022 में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने स्वाति मालीवाल समेत चार आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था. राऊज एवेन्यू कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने 20 सितंबर को स्वाति मालीवाल की याचिका खारिज करते हुए ट्रायल कोर्ट के फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया था.

स्वाति मालीवाल के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई टली
स्वाति मालीवाल के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई टली (FILE PHOTO)

नई दिल्ली: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली महिला आयोग में नियुक्तियों में गड़बड़ियों के मामले में आयोग की पूर्व अध्यक्ष और सांसद स्वाति मालीवाल के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई टाल दी है. स्पेशल जज राकेश स्याल ने मामले की अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को तय की है. आज कोर्ट ने इस मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट का आदेश कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश दिया.

दरअसल, दिसंबर 2022 में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने स्वाति मालीवाल समेत चार आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था. राऊज एवेन्यू कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने 20 सितंबर को स्वाति मालीवाल की याचिका खारिज करते हुए ट्रायल कोर्ट के फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया था.

राऊज एवेन्यू कोर्ट ने स्वाति मालीवाल के अलावा जिन लोगों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था, उनमें आयोग की सदस्य प्रोमिला गुप्ता, सारिका चौधरी और फरहीन मलिक शामिल हैं. कोर्ट ने चारों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120(बी) और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13 (2), 13(1)(डी) के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था.

एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) से पूर्व विधायक बरखा शुक्ला ने 11 अगस्त 2016 को शिकायत कर आरोप लगाया था कि दिल्ली महिला आयोग में नियमों को दरकिनार कर आम आदमी पार्टी से जुड़े लोगों को नियुक्त किया गया. शिकायत में आयोग में नियुक्त हुए तीन लोगों के नाम बताए गए थे, जो आम आदमी पार्टी से जुड़े थे. एसीबी को दी गई शिकायत में आप से जुड़े 85 लोगों की सूची भी दी गई थी, जिनकी नियुक्ति आयोग में होने का दावा किया गया था। इस पर प्रारंभिक जांच के बाद एसीबी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज किया था.

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