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दरगाह के बाहर 'सिर तन से जुदा' नारा लगाने के मामले में सुनवाई पूरी, 12 जुलाई को आएगा फैसला - decision will come on July 12

अजमेर दरगाह के बाहर भड़काऊ भाषण देने के मामले में कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है. इस मामले में 12 जुलाई को फैसला सुनाया जाएगा.

12 जुलाई को आएगा फैसला
12 जुलाई को आएगा फैसला (फोटो ईटीवी भारत अजमेर)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 15, 2024, 12:44 PM IST

भड़काऊ नारे लगाने पर सुनवाई पूरी (वीडियो ईटीवी भारत अजमेर)

अजमेर. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के मुख्य द्वारा निजाम गेट पर खड़े होकर भड़काऊ नारे लगाने के मामले में शनिवार को कोर्ट में दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी हो चुकी है. इस मामले में 12 जुलाई को फैसला सुनाया जाएगा.

अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश कोर्ट संख्या चार में विशिष्ट लोक अभियोजक गुलाम नजमी फारूकी ने बताया कि शनिवार को कोर्ट में अंतिम बहस हुई. दोनों पक्षों को सुनने के बाद बाद अब कोर्ट 12 जुलाई को फैसला सुनाएगी. उन्होंने बताया कि यह मामला 17 जून को दोपहर 3 बजे दरगाह के निजाम गेट का है. जहां भड़काऊ भाषण दिए गए सिर तन से जुदा के नारे लगाए गए. प्रकरण में 32 दस्तावेज और 22 गवाह पेश किए गए हैं. भड़काऊ भाषण और नारा लगाने वाले आरोपी गौहर चिश्ती को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया था.

पढ़ें: पुलिस को मिली घर पर पर्चा चिपकाने की शिकायत, 'सिर तन से जुदा' करने की मिली धमकी

यह था पूरा प्रकरण : 17 जून को दोपहर 3 बजे कांस्टेबल जय नारायण जाट निजाम गेट पर ड्यूटी दे रहे थे. तब कुछ खादिमों की ओर से निजाम गेट पर मौन जुलूस की शर्तों का उल्लंघन करते हुए वहां लाउडस्पीकर पर भाषण दिए और भड़काऊ नारे लगाए. इस आशय से कांस्टेबल जयनारायण जाट ने दरगाह थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था. पुलिस को दी गई रिपोर्ट में कांस्टेबल ने बताया था कि 2500 से 3000 लोगों की भीड़ उस वक्त दरगाह के सामने थी जब भड़काऊ भाषण और नारे लगाए जा रहे थे. भड़काऊ भाषण और नारे लगाने वालों में सैयद गौहर चिश्ती भी था हालांकि उसको पूर्व में भी समझाया गया था. इस मामले में पवित्र धर्म में क्रिस्टल से हिंसा के लिए उकसाने और हत्या की अपील करने का मामला दरगाह थाने में दर्ज किया गया. प्रकरण में पुलिस ने वीडियो के आधार पर अजमेर दरगाह क्षेत्र में रहने वाले चार आरोपी फाखर जमाली, ताजिम सिद्दीकी, रियाज हसन और मोइन खान को गिरफ्तार किया गया. जबकि मामले में मुख्य आरोपी गौहर चिश्ती और अहसानुल्लाह को पुलिस ने हैदराबाद से गिरफ्तार किया था.

भड़काऊ भाषण और नारा लगाने के बाद हुआ उदयपुर कन्हैया लाल हत्याकांड: भड़काऊ भाषण और नारा लगाने का मकसद हिंसा और लोगों को उकसाना था जिसकी परिणीति उदयपुर कन्हैयालाल हत्याकांड के रूप में सामने आई थी. मामले में हत्या के लिए उकसाने की धाराएं भी बाद में जोड़ी गई. इस मामले में मुख्य आरोपी सैयद गौहर चिश्ती गिरफ्तार होने के बाद से ही अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में कैद है.

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