नई दिल्ली: दिल्ली के साकेत कोर्ट ने यूट्यूबर ध्रुव राठी के खिलाफ बीजेपी के प्रवक्ता सुरेश करमशी नखुआ की मानहानि याचिका पर सुनवाई टाल दिया. डिस्ट्रिक्ट जज गुंजन गुप्ता ने मामले की अगली सुनवाई 20 सितंबर को करने का आदेश दिया. मामले में ध्रुव राठी ने जवाब दाखिल कर कहा है कि नखुआ ने कई तथ्यों को छिपाया है और वह हमेशा ही अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते रहे हैं.
इससे पहले ध्रुव राठी की ओर से पेश वकील नकुल गांधी ने नखुआ के कुछ ट्वीट का जिक्र करते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता सोनिया गांधी, बरखा दत्त, सुहेल सेठ और दूसरे लोगों के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते रहे हैं. ध्रुव राठी ने अपने जवाब में कहा है कि जिस वीडियो को लेकर नखुआ ने याचिका दायर की है उसमें वीडियो के तथ्यों को जानबूझकर छिपाया गया है ताकि कोर्ट को गुमराह किया जा सके. उस वीडियो में भद्दी-भद्दी गालियां दी गई हैं.
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बता दें कि 24 जुलाई को कोर्ट ने यूट्यूबर ध्रुव राठी को नोटिस जारी किया था. कोर्ट ने ध्रुव राठी के अलावा गूगल और एक्स (ट्विटर) को भी नोटिस जारी किया था. सुनवाई के दौरान नखुआ की ओर से वकील राघव अवस्थी और मुकेश शर्मा ने राठी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने ’माई रिप्लाई टू गोदी यूट्यूबर्स’ नामक अपने यूट्यूब वीडियो में अपमानजनक आरोप लगाए हैं. याचिका में कहा गया है ध्रुव राठी ने नखुखा को हिंसक और गालीबाज ट्रोल बताया है. नखुआ ने याचिका के जरिए ध्रुव राठी से 20 लाख रुपये बतौर हर्जाना मांगा है.
याचिका में कहा गया है कि ध्रुव राठी ने अपने वीडियो में दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सरकारी आवास पर अंकित जैन, सुरेश नखुआ और तेजेंदर बग्गा जैसे हिंसक और गालीबाज ट्रोल्स को बुलाया था. राठी के उस वीडियो को 24 मिलियन व्यूज और 2.3 मिलियन लाइक्स मिले हैं. याचिका में कहा गया है कि समय बीतने के साथ ही इस वीडियो के व्यूज और लाइक्स बढ़ते जा रहे हैं.
नखुआ ने कहा है कि ध्रुव राठी के इस वीडियो से उसकी छवि काफी खराब हुई है. लोग उसकी आलोचना करने लगे हैं और इससे उसके व्यक्तिगत और प्रोफेशनल जीवन पर काफी बुरा असर पड़ा है. याचिका में कहा गया है कि ध्रुव राठी लोगों के मानहानि के काम में लगातार लगे रहते हैं और अपने फॉलोवर्स के जरिये वे ऑनलाइन धमकी भी देते हैं. याचिका में मांग की गई है कि ध्रुव राठी को ट्विटर पर आगे कोई भी वीडियो डालने से रोका जाए.
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