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दिल्ली हिंसा मामले के आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई 7 अक्टूबर को - Umar Khalid bail plea - UMAR KHALID BAIL PLEA

​​Delhi violence case: कड़कड़डूमा कोर्ट ने 28 मई को उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दिया था. कड़कड़डूमा कोर्ट में सुनवाई के दौरान उमर खालिद की ओर से त्रिदिप पेस ने कहा था कि दिल्ली पुलिस चार्जशीट में उमर खालिद के नाम का प्रयोग इस तरह से कर रही है जैसे कोई मंत्र हो.

उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई
उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई (ETV Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 29, 2024, 12:26 PM IST

Updated : Aug 29, 2024, 6:30 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को राजधानी में फरवरी 2020 में भड़के सांप्रदायिक दंगों के पीछे कथित बड़ी साजिश को लेकर आतंकवाद विरोधी कानून (यूएपीए) के तहत दर्ज मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए 7 अक्टूबर की तारीख तय की. न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली पीठ ने छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम, 'यूनाइटेड अगेंस्ट हेट' के संस्थापक खालिद सैफी और मामले में अन्य सह-आरोपियों की लंबित जमानत याचिकाओं को भी उसी तारीख को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया.

उमर खालिद की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने अदालत को बताया कि दिल्ली पुलिस ने अभी तक जमानत याचिका पर जवाब दाखिल नहीं किया है, जिस पर 24 जुलाई को नोटिस जारी किया गया था. न्यायमूर्ति गिरीश कठपालिया की पीठ ने पक्षकारों से मामले में लिखित दलीलें दाखिल करने को कहा. पीठ ने कहा, "7 अक्टूबर को फिर से अधिसूचित करें. पक्षों को दो सप्ताह के भीतर लिखित दलीलें दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है."

इसके पहले 22 जुलाई को उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई से जस्टिस अमित शर्मा ने खुद को अलग कर लिया था. बता दें, कड़कड़डूमा कोर्ट ने 28 मई को उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दिया था. कड़कड़डूमा कोर्ट में सुनवाई के दौरान उमर खालिद की ओर से त्रिदिप पेस ने कहा था कि दिल्ली पुलिस चार्जशीट में उमर खालिद के नाम का प्रयोग इस तरह से कर रही है जैसे कोई मंत्र हो. पेस ने कहा था कि चार्जशीट में बार-बार नाम लेने और झूठ बोलने से कोई तथ्य सच साबित नहीं हो जाएगा.

उन्होंने कहा था कि उमर खालिद के खिलाफ मीडिया ट्रायल भी चलाया गया. पेस ने कहा था कि जमानत पर फैसला लेते समय कोर्ट को हर गवाह और दस्तावेज का परीक्षण करना होगा. उन्होंने भीमा कोरेगांव मामले में वर्नोन गोंजाल्वेस और शोमा सेन के मामले का जिक्र करते हुए उमर खालिद की जमानत की मांग की.

सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अमित प्रसाद ने कहा था कि उमर खालिद की ओर से जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान ये नहीं कहा जा सकता है कि जांच में कई गड़बड़ियां हैं. ये आरोप मुक्त करने की याचिका नहीं है.

जानिए, क्या है उमर खालिद का पक्ष
इस मामले में उमर खालिद की ओर से कहा गया था कि इस मामले के दूसरे आरोपियों के खिलाफ हमसे गंभीर आरोप हैं और वे जमानत पर हैं और उन्हें तो दिल्ली पुलिस ने आरोपी भी नहीं बनाया था. उमर खालिद की ओर से पेश वकील त्रिदीप पेस ने कहा था कि जिन तथ्यों के आधार पर तीन आरोपियों को जमानत दी गई वही तथ्य उमर खालिद के साथ भी हैं. उन्होंने समानता के सिद्धांत की बात करते हुए उमर खालिद को जमानत देने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि उमर खालिद के खिलाफ कोई आतंकी कानून की धारा नहीं लगी है.

बता दें कि उमर खालिद ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी जमानत याचिका वापस ले लिया था और कहा था कि अब वे ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर करेंगे. उमर खालिद को 2020 के दिल्ली दंगों के पीछे कथित बड़ी साजिश के मामले में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल, वो जेल मे है। इससे पहले 18 अक्टूबर 2022 को दिल्ली हाईकोर्ट ने उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दिया था.

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Last Updated : Aug 29, 2024, 6:30 PM IST

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