शिमला: आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों की पात्रता से जुड़े सर्टिफिकेट आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि के बाद भी जमा किए जा सकते हैं. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण व्यवस्था देते हुए इसे स्पष्ट किया है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने बीपीएल का प्रमाण पत्र आवेदन की अंतिम तिथि तक जमा न करने पर पात्रता रद्द करने से जुड़े मामले का निपटारा करते हुए इस कानूनी स्थिति को स्पष्ट किया है.
न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने कहा कि पात्रता से जुड़े प्रमाण पत्र आवेदन जमा करने की लास्ट डेट के बाद भी उचित समय के भीतर संबंधित अथॉरिटी के समक्ष पेश किए जा सकते हैं. अदालत ने कहा कि पद के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि पर आरक्षण के लिए उम्मीदवार की पात्रता को प्रदर्शित करने वाले बीपीएल, एससी, एसटी इत्यादि प्रमाण पत्र अंतिम तिथि के बाद भी उचित समय के भीतर जमा किए जा सकते हैं.
अदालत ने कहा कि आवेदन पत्र के साथ ऐसे दस्तावेज प्रस्तुत न करना कोई बड़ा घातक कदम नहीं है. कोर्ट ने कहा कि कोई उम्मीदवार बीपीएल श्रेणी से संबंधित अपनी पहचान सिर्फ इसलिए नहीं खो देता कि वह अपरिहार्य कारणों से आवेदन पत्र के साथ ही बीपीएल प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाया. हाईकोर्ट ने कहा कि सामान्य नियम यह है कि किसी भी अध्ययन पाठ्यक्रम या पद के लिए आवेदन करते समय, किसी व्यक्ति के पास प्रवेश विवरणिका या आवेदन पत्र में उस प्रयोजन के लिए निर्धारित अंतिम तिथि तक पात्रता योग्यता होनी चाहिए.
इस संबंध में निर्धारित तिथि तक अपेक्षित पात्रता योग्यता रखने के मामले में कोई छूट नहीं दी जा सकती. उम्मीदवार को आवश्यक प्रमाण पत्र, जैसे शैक्षणिक योग्यता की डिग्री या मार्कशीट प्रस्तुत करके इसे स्थापित करना होगा. इसी तरह, आरक्षण का लाभ उठाने के लिए भी आवश्यक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा. परंतु यह आरक्षण के लिए पात्रता को साबित करने का मात्र एक दस्तावेज है और इसे आवेदन की अंतिम तिथि के बाद भी प्रस्तुत किया जा सकता है.