नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा बिना न्याय विभाग की अनुमति लिए, शासनादेश के विरुद्ध जाकर उच्च न्यायालय में कुछ विशेष मामलों में सरकार की तरफ से प्रभावी पैरवी करने हेतु सर्वोच्च न्यायालय से स्पेशल काउंसिल बुलाने और उन्हें प्रति सुनवाई हेतु 10 लाख रुपए दिए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की.
सरकार की तरफ से याचिका निरस्त करने की कही गई बात:मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस मामले में दस्तावेजों के साथ चीफ सेक्रेटरी का शपथपत्र दो सप्ताह के भीतर पेश करने को कहा है. आज हुई सुनाई पर महाधिवक्ता की तरफ से कहा गया कि यह जनहित याचिका निरस्त करने योग्य है, क्योंकि इसमें जो पक्षकार बनाए गए हैं, वर्तमान में सीएम व मुख्य स्थायी अधिवक्ता हैं, जिनका इससे कोई लेना-देना नहीं है, इसलिए जनहित याचिका से उनके नाम हटाए जाएं और जनहित याचिका को निरस्त किया जाए.