नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश की जेलों में आजीवन की सजा काट चुके कैदियों को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी रिहा नहीं करने के मामले में स्वतः संज्ञान लेकर जनहित याचिका में सुनवाई की. मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से कहा कि दो सप्ताह के भीतर कोर्ट को बताएं कि कितने आजीवन की सजा पूरी कर चुके कैदियों को छोड़े जाने के अनुमति आपने राज्य को भेजी है.
आज राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि पूर्व के आदेश पर सजा काट चुके 8 कैदियों को जेल प्रसाशन ने रिहा कर दिया है, जबकि कई संगीन अपराध में लिप्त अपराधियों को नहीं छोड़ा गया. कुछ अपराधी ऐसे हैं, जिनको छोड़ने के लिए राज्य सरकार की और अनुमति लेनी आवश्यक है. अब मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी.