करनाल: बदलते दौर और समय की किल्लत के कारण लोग हेल्दी खाने से दूर होते जा रहे हैं. यही कारण है कि लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बनी रहती है. ऐसे में लोगों के सामने हेल्दी फूड को अपनाकर अपने आप को स्वस्थ्य रखना बड़ी चुनौती है. हेल्थ संबंधी समस्या और सही डाइट के बारे में अधिक जानकारी के लिए ईटीवी भारत ने करनाल नागरिक अस्पताल की डायटीशियन मोनिका वर्मा से बातचीत की. उन्होंने कई ऐसे टिप्स दिए जिसे अपनाकर हेल्दी लाइफ जिया जा सकता है.
जानिए क्या कहती हैं डायटिशियन: करनाल नागरिक अस्पताल की डायटीशियन मोनिका वर्मा ने कहा "आज के समय में लोगों का जीने का ढंग बहुत ही मॉडर्न हो गया है.लोग अपने खानपान में जितना ज्यादा जंक फूड को शामिल कर रहे हैं, उतनी ही ज्यादा बीमारियों से घिरे जा रहे हैं. हमारी शारिरिक समस्याएं बढ़ती ही जा रही है. बाजार में बिकने वाले मिलावटी जंक फूड को बड़े ही शौक से हम खा रहे हैं."
घर में बने खाने को अपनाएं:मोनिका वर्मा बताती हैं कि "अगर आप अपनी सेहत को लंबे समय तक अच्छा रखना चाहते हैं, तो घर के भोजन को ही तवज्जो दें. आजकल सर्दी के मौसम में गर्म तासीर युक्त वाले भोजन को खाएं. मक्की की रोटी, बाजरे की खिचड़ी, रोटी,गुड़ से बने पकवान आदि मोटे अनाज को अपने आहार में शामिल करें. यह सब चीजें हमारे शरीर में गर्मी पैदा करती है. साथ ही हमें ठंड से बचाती है."
डायटीशियन मोनिका वर्मा से हेल्थ टिप्स (ETV Bharat) पाचन तंत्र को कैसे रखे संतुलित:डायटीशियन मोनिका कहती हैं कि "जंक फूड खा कर हमने अपने पाचन तंत्र को खराब कर लिया है. जंक फूड में ज्यादा मैदा का प्रयोग होता है. ज्यादा मैदा पाचन क्रिया को खराब कर देता है. जैसे ही हम मोटे अनाज को खाना शुरू करेंगे. घीरे-धीरे हमारा पाचन तंत्र भी मजबूत होने लगेगा. मोटे अनाज से पाचन क्रिया ठीक होने में थोड़ा समय जरूर लगेगा, लेकिन हमारा हेल्थ धीरे-धीरे ठीक हो जाएगा."
शिशु से लेकर बुजुर्गों तक का खानपान:डायटीशियन मोनिका वर्मा का कहना है "बच्चा जब जन्म लेता है तो उसके लिए सबसे अच्छा और पौष्टिक आहार मां का दूध ही होता है. हालांकि आजकल अधिकतर मां अपने शिशु को अपना दूध नहीं पिलाती. बच्चे या तो पैकेट का दूध या फिर गाय का दूध पीते हैं, जो हजम नहीं होता. इसलिए बच्चे को जन्म से लेकर 6 माह तक मां का दूध ही देना चाहिए. 7 महीने के बच्चे को सेमिसॉलिड डाइट पर डालना चाहिए. जैसे पतली खिचड़ी, खीर, हलवा, ऊपर का दूध इत्यादी. वहीं, 50-60 साल की उम्र के बाद शरीर का पाचन तंत्र थोड़ा कमजोर होने लगता है. इस उम्र में भी सेमी सॉलिड घुला हुआ मोटे अनाज का भोजन ही देना चाहिए, जिससे उन्हें भोजन को आसानी से हजम करने में मदद मिलती है."
जंक फूड को करें बाय-बाय:डायटीशियन बताती हैं "युवाओं को अपने पढ़ाई या जीविका के लिए घर से दूर रहना पड़ता है. उनको बाहर खानपान करना पड़ता है. ऐसे में जंक फूड उनको खाना पड़ता है. तो कोशिश करें कि जंक फूड में भी हेल्दी की तलाश करें. जंक फूड की दो किस्में है. जितना जल्दी हो सके चाइनीज फूड से बचें. हमारे देश मे भी जंक फूड हैं, जैसे-समोसे, पकौड़े, छोले-भटूरे. हालांकि ये जंक फूड उतना हानिकारक नहीं होता है, जितना चाइनीज में नूडल्स, बर्गर, मोमोज हानीकारक है."
महिलाओं में बढ़ रही ये समस्या:डायटीशियन मोनिका वर्मा ने आगे बताया कि "आजकाल लोगों के रहन-सहन और खानपान के कारण पाचन तंत्र में दिक्कतें आ रही है. लिवर की कार्य प्रणाली में SGOT/PT बढ़ना, लिवर अत्यधिक फैटी होना, लिवर के आकार का बढ़ जाना जैसी तमाम समस्याओं से लोगों को जूझना पड़ता है. महिलाओं का ज्यादा समय तक मोबाइल से जुड़े रहना, अच्छी नींद ना लेना ही महिलाओं में पीसीओडी का कारण है. इससे अनियमित पीरियड्स, बांझपन, वजन बढ़ने जैसी समस्याएं सामने आती रहती है. गर्भवती महिलाओं को एक बार में ज्यादा नहीं खाना चाहिए. पूरे दिन ने 6 बार खाएं. कम-कम खाएं और जीतना हो सकें हेल्दी खाएं. "
ऐसे में जीतना हो सके हेल्दी फूड में मोटे अनाज को अपनाएं. डायटिशियन भी इसकी सलाह देते हैं. साथ ही हो सके तो जंक फूड को धीरे-धीरे अवाइड करें. हो सकता है इन आदतों को अपनाने में आपको थोड़ा समय लगे, लेकिन इन खास टिप्स को अपनाकर आप एक हेल्दी लाइफ जी सकते हैं. साथ ही बीमारियां आपसे कोसो दूर रहेगी.
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