घायल जवानों को बस्तर में ही मिलेगा हाईटेक इलाज, 45 दिन में हॉस्पिटल सर्विस का वादा
रायपुर :छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्यमंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने ईटीवी भारत पर बड़ा दावा किया है. उनका दावा है कि जल्द ही नक्सल हमले या फिर मुठभेड़ के मामलों में घायल जवानों को इलाज के लिए रायपुर आने की जरुरत नहीं पड़ेगी.इसके लिए पूरी व्यवस्था जगदलपुर में ही सेटअप की जा रही है. ये सेवा 15 सितंबर तक शुरु करने का दावा स्वास्थ्य मंत्री ने किया है. इसके अलावा आयुष्मान कार्ड से शत प्रतिशत उपचार बिना पैसा दिए हो सके यह व्यवस्था भी बनाने का दावा स्वास्थ्य मंत्री ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान किया.
स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल का बड़ा दावा (ETV Bharat Chhattisgarh)
सवाल : पिछले 7 महीने के भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान स्वास्थ्य विभाग की क्या उपलब्धियां रही ?
जवाब : पूर्ववर्ती सरकार में 5 साल तक छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य व्यवस्था ढाई-ढाई साल के खेल की वजह से पूरी तरह से वेंटिलेटर पर चली गई थी. लेकिन अब भाजपा सरकार में यह स्वास्थ्य व्यवस्था वापस खड़ी हो गई है.प्रदेश में स्वास्थ्य केंद्र का मेडिकल कॉलेज सभी जगह व्यवस्था दुरुस्त हो गई है.आज हम लोगों को जो स्वास्थ्य सुविधा मिलनी चाहिए वह मिलना प्रारंभ हो गई है.
सवाल : व्यवस्था दुरुस्त होने का दावा आप कर रहे है, लेकिन विपक्ष कह रहा है कि अस्पतालों में डॉक्टर नहीं है, दवाइयां नहीं, डॉक्टर की भर्ती नही हुई हैं। इसका खामियाजा प्रदेश की जनता उठना पड़ता ?
जवाब : विपक्ष को यह कहने का कोई अधिकार नहीं है, यदि डॉक्टर नहीं है तो पिछले 5 सालों में क्या किया और 6 महीने उम्मीद करते हैं कि सभी जगह डॉक्टर आ जाए उनके कहने से ऐसा नहीं होगा.हमने जनता की परेशानियों को देखते हुए 232 मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर ,एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति की है. स्पेशलिस्ट डॉक्टर की भर्ती के लिए कोशिश कर रहे हैं, 1000 से ऊपर विशेषज्ञ डॉक्टर की भर्ती हम राज्य स्तर पर करने वाले हैं. मेडिकल ऑफिसर की भर्ती होने वाली है, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल इस तरह 9000 से ऊपर भर्ती प्रक्रियाधीन है.जब तक डॉक्टर की व्यवस्था नहीं होती है तब तक ऐसा कोई भी डॉक्टर जो आवेदन करते हैं उन्हें हम तत्काल नियुक्ति पत्र दे रहे हैं हमने ऐसी व्यवस्था भी कर रखी है. संविदा के तौर पर भी भर्ती की जा रही है.
सवाल : आप पूर्वर्ती सरकार पर 5 साल काम ना करने का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन वर्तमान में पीलिया डायरिया मलेरिया जैसी बीमारियों से लोगों की मौत हो रही है, ऐसे आरोप विपक्ष के द्वारा लगाए जा रहे हैं ?
जवाब :यदि विपक्ष यह आरोप लगा रही है, तो वह निराधार है.यदि आपकी ओर से सवाल है तो मैं बताना चाहूंगा कि डायरिया मलेरिया पीलिया यह सारी बीमारियां मौसमी बीमारियां हैं. यह कोई इस बार नया नहीं हुआ है, पिछले समय जो मलेरिया डायरिया या पीलिया के मरीजों के आंकड़ा था उससे अभी काफी कम है.पूर्ववर्ती सरकार में बीमारियों से मरने वालों की संख्या भी वर्तमान से कहीं ज्यादा थी, हम कोशिश कर रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोगों का जांच हो सके और शत प्रतिशत जांच बीजापुर जैसे दूरस्थ मैदानी क्षेत्र में कर रहे हैं. आप देखेंगे भी की मलेरिया की जानकारी लगने पर बीजापुर मैं खुद गया था, बैठक लिया था,मरीजों से मिला, ग्राम वासियों से मिला ,कोटा केबिन गया, अधिकारियों से समीक्षा की. बीजापुर जैसी जगह में बाढ़ होने के बावजूद नाव से बैठकर हेल्थ वर्कर दूसरे गांव में मलेरिया की चेकिंग जा रहे हैं. हम मच्छरदानी दे रहे हैं, मितानीन अवेयरनेस कर रही है.प्रदेश में ऐसी स्थिति नहीं है कि हमारे कंट्रोल से मलेरिया डायरिया बाहर हो.
सवाल : मच्छरदानी भी परिवार के एक दो सदस्यों को दी जा रही है, बाकी लोगों को नहीं दी जा रही है, इससे भी मलेरिया बढ़ रहा है ,ऐसा कांग्रेस ने आरोप लगाया था ?
जवाब : जो मलेरिया प्रभावित क्षेत्र है, उसमें मच्छरदानी वितरण किया गया है.यदि कांग्रेस बात कर रही है तो मलेरिया डायरिया से मौत नहीं हुई है , बल्कि अन्य कारणों से हुई थी. एक की उम्र 85 साल, एक की उम्र 80 साल की थी, एक हार्ट अटैक से खत्म हुआ था, ऐसे 4 मृत्यु हुई थी.यदि मच्छरदानी की बात की जाए तो डायरिया प्रभावित क्षेत्र का मच्छरदानी से कोई संबंध नहीं होता है.विधानसभा में प्रश्न काल और शून्य काल में भी भूपेश बघेल ने यह सवाल उठाया था ,जिस पर मैंने यह स्पष्ट जवाब दिया था. मलेरिया प्रभावित क्षेत्र में हमने मच्छरदानी बांटी है. 18 लाख से ऊपर भारत सरकार ने मच्छरदानी दिया था. हमने उसको बांटा है, पूर्वर्ती सरकार ने एक भी मच्छरदानी बांटने काम नहीं किया है.
सवाल : नक्सली मुठभेड़ में कई जवान घायल होते हैं ,उन्हें उपचार के लिए रायपुर लाया जाता है, इस बीच उनके उपचार में कई बार देरी भी हो जाती है,क्या बस्तर क्षेत्र में कोई ऐसा अस्पताल बनाने की तैयारी है जिससे इन जवानों का उपचार वहां पर ही हो सके?
जवाब :जब से मैंने स्वास्थ्य मंत्रालय का प्रभार लिया है, पहले दिन से इस और ध्यान दिया है. हमारी सरकार के जो सुपर स्पेशलिटी का कॉन्सेप्ट था, चालू किया था , पूर्व की सरकार 5 साल में नहीं कर पाई.आज मैं आपके चैनल पर आपसे वादा करता हूं कि 1 महीने के अंदर अगस्त लास्ट या 15 सितंबर तक हम वहां सुपर स्पेशलिटी जगदलपुर हॉस्पिटल को सर्व सुविधायुक्त करेंगे. हमारा प्रयास होगा वहां से जवान एयर लिफ्ट कर रायपुर ना लाए जाए, उनका इलाज जगदलपुर में ही हो, बस्तर क्षेत्र में ही हो. हम उस ओर पूरी ताकत और योजना के साथ आगे बढ़ रहे हैं.
सवाल : मनेंद्रगढ़ आपका विधानसभा क्षेत्र है.लेकिन वहां की भी स्वास्थ्य व्यवस्थाएं भी ठीक नहीं है, अस्पताल की छत से पानी टपक रहा है,डॉक्टरों की कमी है , वह अस्पताल लगातार चर्चा में बना हुआ है ?
जवाब :कांग्रेस के आरोपों पर मुझे तरस आता है. हमारी सरकार बने 6 महीने हुए हैं , क्या 6 महीने में ही यह इमारत बनी होगी और टपकने लगी है. यह सब इमारत उनके समय की ही बनी हुई है, लेकिन मैं स्वीकार करता हूं कि छत से पानी टपक रहा था और मैं खुद जाकर देखा और मैंने तत्काल संबंधित अधिकारियों से दुरुस्त करने के निर्देश दिए.
सवाल : मनेन्द्रगढ़ कैंसर हॉस्पिटल निर्माण को लेकर 4 से 5 बार घोषणा की जा चुकी है, लेकिन अब तक वह नहीं बन सका है, तीन सरकारे रमन ,भूपेश और साय की गुजर गई । आज तक यह अस्पताल नहीं बन सका है और यह कोई विपक्ष की नहीं बल्कि जनता की मांग है ?
जवाब : मेरी मांग भी आम जनता के हिसाब से ही है, क्योंकि सरगुजा क्षेत्र में कैंसर के बहुत केस आ रहे हैं. हमारी सरकार के दौरान भारत सरकार के माध्यम से कैंसर रिसर्च सेंटर मनेंद्रगढ़ में स्वीकृत भी हुआ था, लेकिन पिछली सरकार ने 5 साल में उसको लेप्स कर दिया, कोई इंटरेस्ट नहीं दिखाया गया.आने वाले समय में मनेंद्रगढ़ में कैंसर रिसर्च सेंटर कैंसर हॉस्पिटल के रूप में भविष्य में हम लोग बनाएंगे यह हमारे कार्य योजना में है.
सवाल : आयुष्मान कार्ड का सही तरीके से इंप्लीमेंट ना होना, निजी अस्पतालों उसके जरिए उपचार न मिलाना, यह आपके लिए एक बड़ी चुनौती है, इसे कैसे दुरुस्त करेंगे ?
जवाब : इसे लेकर हमारा पूरा खाखा बनकर तैयार है. अस्पताल में आए दिन मरीजों की शिकायत होती है इलाज नहीं हो रहा है ,पैसा अलग से ले रहे हैं ,कई बार ऐसी बातें आती है कि अस्पताल में बोगस बिलिंग की जा रही है, यह सारी चीजों का समस्याओं का हल करने के लिए हमने 6 महीने में एक योजना तैयार की है हम इंश्योरेंस मॉडल की ओर बढ़ रहे हैं. कोई भी मरीज यदि भर्ती होता है तो शत प्रतिशत उसको आयुष्मान कार्ड से इलाज अस्पताल को देना होगा. यदि नहीं देंगे तो उस पर कार्रवाई की जाएगी ,जो अस्पताल अलग से पैसा लेंगे उन पर भी एक्शन लेंगे और शत प्रतिशत आयुष्मान कार्ड का उपयोग और उसका लाभ आम जनता को मिले ,किसी प्रकार की लीकेज ना रहे, इसके लिए हम प्रतिबद्ध हैं.