जयपुर: राजधानी में भांकरोटा थाने के हेड कांस्टेबल के सुसाइड मामले को लेकर परिजन एसएमएस मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठे हुए हैं. परिजन आरोपियों की गिरफ्तारी, बच्चों की नौकरी और 2 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता की मांग कर रहे हैं. हालांकि, चार दिन से अभी तक प्रशासन के साथ सहमति नहीं बनी है. रविवार शाम को नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली मृतक के परिजनों से मिलने के लिए सवाई मानसिंह अस्पताल की मोर्चरी के बाहर पहुंचे, जहां धरने पर बैठे परिजनों को सांत्वना देते हुए उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधा.
उन्होंने कहा कि सरकार आरोपियों की गिरफ्तार करने में शिथिलता बरत रही है. आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि पुलिस के उच्च अधिकारियों और एक अन्य की प्रताड़ना से परेशान होकर निष्ठावान सिपाही ने मौत का रास्ता अपनाया जो भाजपा सरकार पर सवाल खड़े करता है. उन्होंने कहा कि किसी के घर का चिराग बुझ गया और प्रदेश की सरकार अभी तक आरोपियों को गिरफ्तार करने में शिथिलता बरत रही है. जूली बोले कि पुलिसकर्मी को अपने ही उच्च अधिकारियों की ओर से प्रताड़ित करना शर्मनाक है. इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच करानी चाहिए, ताकि काले कारनामे करने वाले शख्स बेनकाब हो सके.
पुलिस का रवैया एकपक्षीय है :उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में तुरंत एक्शन लेते हुए परिवार को सरकारी नौकरी और मुआवजा देने के साथ आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए कार्रवाई अमल में लानी चाहिए. यह एक विशेष प्रकृति का मामला है, जिसमें एक कनिष्ठ पुलिसकर्मी की जान गई है. जान देने के लिए मजबूर करने का आरोप वरिष्ठ पुलिसकर्मियों पर है. दलित पारिवारिक पृष्टभूमि से आने वाले बैरवा ने सुसाइड नोट में नामजद पुलिस अधिकारियों और एक अन्य व्यक्ति पर आरोप लगाए हैं. इस मामले की तह तक जाकर सच सामने लाने और पीड़ित परिवार के साथ न्याय करने के लिए निष्पक्ष जांच जरूरी है. जूली ने कहा कि पुलिस का रवैया एकपक्षीय है, पुलिस मुख्यालय को अविलंब रूप से आरोपियों पर कार्रवाई करनी चाहिए.