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हजारीबाग के घनघोर जंगल में छुपा है सुंदर नजारा, अंग्रेजों को भी इस क्षेत्र ने किया था आकर्षित - SAVANI RIVER OF HAZARIBAGH

हजारीबाग के हरहद गांव की सवानी नदी अपना एक अलग स्थान रखती है. यहां लोग जनवरी के पहले सफ्ताह में खूब पिकनिक मनाने आते हैं.

SAVANI RIVER OF HAZARIBAGH
घनघोर जंगल में छुपा है सुंदर नजारा (Etv Bharat)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 15, 2025, 1:47 PM IST

हजारीबाग: प्रकृति ने हजारीबाग को अपने हाथों से सजाया है. जिले भर में कई ऐसी जगह है जो प्रकृति प्रेमी के साथ-साथ एडवेंचर के शौकीन को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. इसी में एक है कटकमसांडी प्रखंड का हरहद गांव की सवानी नदी. घनघोर जंगल के बीच यह नदी कुछ इस प्रकार बहती है कि प्रकृति के शौकीन बार-बार यहां आने के लिए मचल पड़ते हैं. अंग्रेजों के समय का बना हुआ वाच टावर यह बताता है कि उन्हें भी यह जगह बेहद पसंद होगी.

शांति की जगह है सवानी नदी

अगर आप एडवेंचर के शौकीन हैं और प्रकृति के नजदीक पहुंचना चाहते हैं तो एक बार कटकमसांडी क्षेत्र के हरहद गांव के सवानी नदी अवश्य पहुंचें. इस जगह पहुंचकर आप को वह शांति मिलेगी जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते हैं.

जानकारी देते संवाददाता गौरव (Etv Bharat)

शहर से नजदीक होने के बावजूद लोगों की नजर से दूर होने के कारण इसकी चर्चा नहीं के बराबर है. यह नदी घनघोर जंगल के बीच से गुजरती है. नदी तक पहुंचने के लिए घनघोर जंगल पार करना होता है. झाड़ियों से होते हुए नदी तक पहुंचा जा सकता है. नदी तक पहुंचने के लिए कई रास्ते हैं. हर पगडड़ी के जरिए नदी तक पहुंचा जा सकता है. लेकिन वह अलग-अलग स्पॉट होता है.

बरसात में नदी उफान पर रहती है

झरना पहाड़ के ऊपर से गिरता है जो पत्थरों से गुजरते हुए आगे बढ़ता है और नदी का रूप धारण करता है. सवानी नदी की खासियत यह है कि यहां पर पत्थर नुकीले नहीं हैं. सपाट पत्थर होने के कारण एक छोर से दूसरे छोर तक भी पहुंचा जा सकता है. बरसात के दौरान नदी उफान पर रहती है. जैसे ही बरसात समाप्त हो जाती है पानी की रफ्तार भी धीमी हो जाती है. यही इसकी खूबसूरती है.

जंगल के बीच एक वॉच टावर भी है. ऐसा बताया जाता है कि अंग्रेजों के शासनकाल का यह वॉच टावर है. जो यह बताता है कि अंग्रेजों को भी यहां की सुंदरता ने आकर्षित किया होगा.

लोगों को इस नदी के बारे में जानकारी नहीं है

स्थानीय बताते हैं कि शहर के नजदीक होने के बावजूद लोग यहां नहीं पहुंचते हैं, क्योंकि जानकारी का अभाव है. पास में ही वन विभाग का गेस्ट हाउस है. लोग गेस्ट हाउस तक पहुंच जाते हैं लेकिन नदी तक नहीं जाते हैं. जंगल होने के कारण भय भी लगा रहता है और जानकारी का अभाव भी है. लोगों के नहीं पहुंचने के कारण यहा गंदगी भी आपको देखने को नहीं मिलेगी. नए साल पर गांव के लोग पिकनिक मनाने के लिए बहुत कम संख्या में ही पहुंच पाते हैं.

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