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हजारीबाग विधायक मनीष जायसवाल कोल ब्लॉक विस्थापितों की समस्या से अवगत हुए, कहा- महिला से मारपीट मामले की मानवाधिकार आयोग से करेंगे शिकायत - Coal Block Displaced In Hazaribag

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 1, 2024, 6:01 PM IST

coal block displaced of Pandu village in Hazaribag. हजारीबाग में बीएसएल कोल माइंस के विस्थापितों की समस्याओं से हजारीबाग विधायक मनीष जायसवाल अवगत हुए. इस दौरान विस्थापितों ने बताया कि कंपनी जबरन घरों को तोड़ रही है मुआवजा भी नहीं दे रही है.

Coal Block Displaced In Hazaribag
हजारीबाग में कोल विस्थापितों से वार्ता करते विधायक मनीष जायसवाल. (फोटो-ईटीवी भारत)

हजारीबाग:जिले के बड़कागांव के केरेडारी प्रखंड के पांडू गांव के विस्थापितों का हाल जानने के लिए शनिवार को हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल पांडू गांव पहुंचे. इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से वार्ता की और समस्याओं से अवगत हुए.

हजारीबाग में कोल विस्थापितों से वार्ता करते विधायक मनीष जायसवाल. (वीडियो-ईटीवी भारत)

महिला का घर जबरन तोड़ने और मारपीट करने का आरोप

बताते चलें कि केरेडारी के पांडू में एनटीपीसी के अधीनस्थ कोल खनन कर रही बीएसएल की ओर से जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है. आरोप है कि ग्रामीणों को विस्थापन का मुआवजा नहीं देकर जबरन उनके घरों को तोड़ा जा रहा है. इस क्रम में पांडू गांव की एक महिला का आरोप है कि 23 मई को उसका घर जबरन तोड़ दिया गया. इसका विरोध करने मारपीट भी की गई. मारपीट का आरोप बीजीआर कंपनी के कुछ अधिकारियों और अन्य लोगों पर लगा है. यह मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है.

पांडू गांव में मानवाधिकार का हनन हुआः विधायक

ग्रामीणों से वार्ता के बाद हजारीबाग विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि महिला के साथ मानवाधिकार का हनन हुआ है. वह मामले की शिकायत मानवाधिकार आयोग से करेंगे. साथ ही उन्होंने बताया की एक तो महिला का घर तोड़ दिया गया और ऊपर से उसके साथ मारपीट की गई है. वहीं मामले में जब पीड़ित महिला ने थाने में आवेदन दिया तो उसका केस भी रजिस्टर नहीं किया गया है, बल्कि उल्टा महिला पर ही बीजीआर कंपनी ने केस कर दिया है, जो बिल्कुल गलत है.

पीड़ित महिला ने लगाई न्याय और मुआवजा दिलाने की गुहार

उधर, पीड़ित महिला मीना देवी ने बताया की पति बेटी को परीक्षा दिलवाने बाहर गए थे. इसी क्रम में बीजीआर कंपनी के कुछ अधिकारी पहुंचे और उनका घर तोड़ दिया. साथ ही महिला ने मारपीट का भी आरोप लगाया है. पीड़िता ने कहा कि वह मामले में न्याय चाहती है. विस्थापन का मुआवजा भी चाहती है. इधर, इस मामले में बीजीआर कंपनी के कर्मचारी और अधिकारियों से संपर्क साधने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया.

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