हजारीबागः झारखंड लोकतंत्र का महापर्व बना रहा है. इस पर्व की खूबसूरती मतदाताओं में निहित है. अधिक से अधिक मतदान हो इसे लेकर निर्वाचन आयोग कई कार्यक्रम चला रहा है. दूसरी ओर स्थानीय संगठन भी लोगों को मतदान के प्रति जागरूक कर रहे हैं.
चुनाव आयोग की ओर से मतदाताओं को जागरूक करने के लिए रथ रवाना किया जा रहा है. दूसरी ओर हजारीबाग आदिवासी सरना समिति के अध्यक्ष महेंद्र बेक समाज के लोगों को जागरूक करने में जुटे हैं ताकि आदिवासी समाज का मतदान प्रतिशत बढ़े. इसको लेकर हजारीबाग आदिवासी सरना समिति के अध्यक्ष महेंद्र बेक से ईटीवी भारत संवाददाता गौरव प्रकाश ने खास बातचीत की.
झारखंड की सियासत में आदिवासी मतदाता काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं. लेकिन जागरुकता की कमी, साधन-संसाधन की कमी या फिर दूभर इलाकों में रहने के कारण वो मतदान करने में पिछड़ जाते हैं. आदिवासी मतदाताओं को जारूक कर रहे सरना समिति अध्यक्ष महेंद्र बेक का कहना है कि आदिवासी समाज दूभर और दूरस्थ क्षेत्रों में निवास करते हैं. उन लोगों को जागरूक करना बेहद जरूरी है ताकि समाज के लोग शत प्रतिशत मतदान कर सकें.
महेंद्र बेक ने बताया कि विभिन्न गांव में जाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. समाज के वैसे लोग जो दूसरे जिलों में जाकर काम कर रहे हैं उन्हें भी व्हाट्सएप के जरिए जानकारी दी जा रही है कि 13 नवंबर को हजारीबाग में आकर मतदान अवश्य करें. क्योंकि यह सबसे बड़ा अधिकार है. उनका यह भी कहना है कि आदिवासी समाज के लोग पिछले चुनाव में बढ़-चढ़कर ऐसा नहीं लिए थे. क्योंकि उनमें जानकारी का भी अभाव था. इस बार समाज एकजुट है. बिना किसी लोभ लालच के ही मतदान करने के लिए तैयार हैं.