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वोट की राजनीति के लिए भोले बाबा के खिलाफ नहीं हो रही कोई कार्रवाई, हाथरस कांड पीड़ितों का छलका दर्द - Hathras Satsang Stampede

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 10, 2024, 8:24 PM IST

हाथरस कांड के पीड़ित अब शासन और प्रशासन के खिलाफ रोष जता रहे हैं. पीड़ितों का कहना है कि राजनीति के चक्कर में भोले बाबा को बचाया जा रहा है. आइए सुनतें हैं पीड़ित परिवारों की जुबानी.

नवीपुर में रोष जताते लोग.
नवीपुर में रोष जताते लोग. (Etv Bharat)

हाथरस कांड के पीड़ितों ने बताई अपनी पीड़ा. (Video Credit; Etv bharat)

हाथरस: सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र के गांव फुलरई व मुगलगढ़ी के बीच 2 फरवरी को भोले बाबा के सत्संग के बाद भगदड़ में करीब 121 लोगों की जान चली गई थी और कई लोग घायल भी हुए थे. हादसे बाद से पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए राजनेताओं के आने का सिलसिला चल पड़ा है. मुख्यमंत्री से लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित केंद्र व प्रदेश के मंत्री व विपक्ष के नेता पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंच रहे हैं. सभी पीड़ितों को आश्वास और सांत्वना दे रहे हैं. लेकिन पीड़ित परिवारों में बाबा और शासन और प्रशासन के बीच रोष बढ़ता जा रहा है. नवीपुर मोहल्ले की दो महिलाओं की भी मौत हुई है. इन महिलाओं के परिजनों में साकार हरि उर्फ भोले बाबा के साथ साशन और प्रशासन के खिलाफ आक्रोश है. परिजनों का कहना है कि बाबा की गिरफ्तारी होनी चाहिए.


सत्संग में गई पुष्पा देवी की बहन और जेठानी को खो दिया था. पुष्पा देवी का कहना है कि 'वह कुछ लोगों के साथ सत्संग में गई थीं. हम तो पंडाल से बाहर बैठे थे. बाबा ने करीब आधा घंटा प्रवचन दिए और उसके बाद अचानक वहां से उठकर चल दिए. काफी भीड़ थी, उसमें कुछ लोग गुंडा टाइप के दारू पीकर भी थे.' वहीं पुष्पा देवी की बात सुन रही दूसरी महिला शर्बती देवी ने कहा 'वह कभी बाबा के सत्संग में नहीं गई. बाबा चमत्कारी थे तो उस दिन लोगों को बचाने क्यों नहीं आए. वह चसमत्कारी थे तो वापस लौटकर भी लोगों को बचा सकते थे. फिर उन्होंने जनता को क्यों नहीं बचाया. कोई पता नहीं कितने और लोग होंगे, जिनकी जान इस हादसे में चली गई है. बाबा गिरफ्तार होना चाहिए. बाबा के पास 25 आश्रम है, उसकी प्रॉपर्टी से घायलों और मृतकों की परिवारों को आर्थिक मदद मिलनी चाहिए. आज भी जनता बाबा को बढ़िया और चमत्कारी कहकर बचा रही है.


अपनी मौसी और ताई को खोने वाले सुरजीत ने बताया कि सत्संग में जो भी कमी थी प्रशासन की थी. बाबा एससी है और एससी वर्ग के ही लोग इनके सत्संग में जाते हैं. इसलिए बाबा को वोट की राजनीति के लिए बचाया जा रहा है. बाबा को गिरफ्तार नहीं किया गया, उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हुई. जो लोग बाबा को चमत्कारी बता रहे हैं, उनसे पूछा जाए कि बाबा का उन्हें क्या चमत्कार दिखाई दिया. यह तो अंधविश्वास हुआ न कि पानी से लोग ठीक हो रहे हैं.
सुरजीत ने कहा कि यहां जितने भी नेता आए, वह यह पूछते हैं कि क्या दोबारा जाओगे. 80 हजार लोगों के हिसाब से भी वहां प्रशासन की सिक्योरिटी नहीं थी. सब राजनीति चल रही है. किसी पीड़ित को कुछ मिलने वाला नहीं है. लोग आश्वासन देने आते हैं और चले जाते हैं. घर से बुलाकर कभी कहीं तो कहीं-कहीं कहीं इकट्ठा कर लिया और बस यही कहते हैं कि हम तुम्हारी सुनवाई करेंगे हम तुम्हारा पक्ष रखेंगे. सुरजीत का कहना था कि दो-दो लाख से होता क्या है. दो लाख में भाई-भाई, बहन-बहन लड़ रही हैं. परिवार में यदि चार सदस्य हैं तो चारों के नाम अलग-अलग चेक बनाए जाने चाहिए.

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