हास्य रंग उत्सव: दिल्ली में हास्य कवियों के हंसगुल्ले, VIP की मिमिक्री ने दिल्ली वालों का जीता दिल - HASYA RANG UTSAV IN DELHI
हास्य कलाकारों ने किया दिल्ली वालों का मनोरंजन, कार्यक्रम के अंतिम दिन हास्य कलाकार और बेहतरीन मिमिक्री आर्टिस्ट विजय इस्वरलाल पवार (VIP) ने किया परफॉर्म.
नई दिल्ली:दिल्ली में हास्य और संस्कृति का जश्न मनाने वाला तीन दिवसीय उत्सव, हास्य रंग उत्सव बुधवार को खत्म हो गया, जिसका आयोजन साहित्य कला परिषद द्वारा किया गया था. इस उत्सव में हास्य कलाकार सुनील पाल और नाटक 'चरणदास चोर' की प्रस्तुति शामिल थी. वहीं तीसरे दिन हास्य कलाकार और बेहतरीन मिमिक्री आर्टिस्ट विजय इस्वरलाल पवार (VIP) ने परफॉर्म किया.
VIP की ऊर्जा और चेखव की कहानियां:VIP की ऊर्जावान प्रस्तुति और तीखी हास्य शैली ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया.उनकी कॉमिक टाइमिंग और मंच पर जोरदार उपस्थिति ने उत्सव के समापन की शानदार शुरुआत की. उन्होंने अपनी बेहतरीन प्रस्तुति में कई मशहूर फिल्मी कलाकार व संगीतकारों की आवाज की मिमिक्री की. इसके बाद पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. वहीं VIP ने भारत मां के सम्मान में भी एक प्रस्तुति दी, जिसमें उन्होंने मिमिक्री और अपनी आवाज के जादू से कारगिल युद्ध के एक दृश्य को पेश किया. अंत में उन्होंने एक गीत के साथ अपनी प्रस्तुति का समापन किया.
VIP ने अपनी आवाज के जादू से कारगिल युद्ध का एक दृश्य पेश किया (ETV Bharat)
सुनील पाल और एहसान कुरैशी की गुदगुदाहट:बता दे कि इस तीन दिवसीय हास्य उत्सव में पहले दिन सुनील पाल और दूसरे दिन एहसान कुरैशी ने दिल्ली के लोगों को गुदगुदाया. पहले दिन का आगाज प्रसिद्ध हास्य कलाकार सुनील पाल ने किया. उनकी हल्की-फुल्की और रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी हास्य प्रस्तुति ने दर्शकों को ठहाके लगाने पर मजबूर कर दिया. उनके शानदार पंच और सहज शैली ने हर आयु वर्ग के दर्शकों का दिल जीत लिया.
VIP की ऊर्जा और चेखव की कहानियों ने सब का दिल जीता (ETV Bharat)
एहसान कुरैशी की स्टैंड-अप कॉमेडी:दूसरे दिन की शुरुआत बहुमुखी हास्य कलाकार एहसान कुरैशी की स्टैंड-अप कॉमेडी से हुई. उनकी अनोखी शैली, चुटीली बातों और तालबद्ध कहानी ने दर्शकों को बांधे रखा. उन्होंने अपनी चुटीली टिप्पणियों और रोजमर्रा के अनुभवों से सभी को हंसी से लोटपोट कर दिया. हास्य रंग उत्सव ने मनोरंजन, सामाजिक प्रतिबिंब और हास्य के अद्वितीय मिश्रण के साथ दिल्लीवासियों के दिलों में खास जगह बनाई. नाटकों और हास्य प्रस्तुतियों ने न केवल ठहाकों का माहौल बनाया बल्कि दर्शकों को जीवन के गहरे पहलुओं पर सोचने के लिए प्रेरित किया.