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हरियाणावासियों को नहीं मिली ठंड से राहत, घने कोहरे और शीतलहर ने बढाई कंपकंपी - HARYANA WEATHER UPDATE

हरियाणा वालों को फिलहाल ठंड से राहत के आसार नहीं दिख रहे हैं. हरियाणा में सोमवार सुबह की शुरुआत घने कोहरे और शीतलहर से हुई.

Haryana wheather
हरियाणा में ठंड का सितम (ETV Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 10, 2025, 7:33 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के मौसम में हर दिन बदलाव देखने को मिल रहा है. सोमवार सुबह घने धुंध और शीतलहर से सुबह की शुरुआत हुई. कई शहरों में कोहरा छाया रहा. वहीं, मौसम विभाग ने अभी और भी ठंड बढ़ने की आशंका जताई है. हालांकि दिन के समय तापमान में बढ़ोतरी होने से ठंड से लोगों को राहत मिल रही है.

सोमवार और मंगलवार को बादल छाए रहेंगे:मौसम विभाग ने हरियाणा में सोमवार और मंगलवार बादल छाने की आशंका जताई है. पहाड़ों पर बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों पर पड़ेगा. इससे 12 फरवरी के बाद उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी हवाएं चलने से रात के तापमान में गिरावट आ सकती है, जबकि सुबह और देर रात कुछ इलाकों में कोहरा छा सकता है.

"हरियाणा में 12 फरवरी तक मौसम आमतौर पर शुष्क रहने की संभावना है.इस दौरान बीच-बीच में हवाओं के रुख में भी बदलाव आने की संभावना है. वहीं, दिन के तापमान में बढ़ोतरी होने से आने वाले समय में ठंड में कमी होगी." -डॉ. मदन खीचड़, मौसम वैज्ञानिक

सोनीपत रहा सबसे ठंडा:आईएमडी चंडीगढ़ की मानें तो हरियाणा के फरीदाबाद में रविवार को सबसे अधिक तापमान रहा. फरीदाबाद में 29.1 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया. वहीं, सोनीपत में सबसे कम तापमान 5.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. यानी कि रविवार को सोनीपत सबसे ठंडा रहा.

आबोहवा पहले से हुई बेहतर: वही, हरियाणा का एयर क्वालिटी इंडेक्स पहले से बेहतर हुआ है. बात अगर सोमवार सुबह के एक्यूआई की करें तो चरखी दादरी में 195, फरीदाबाद में 141 और गुरुग्राम में 218 एक्यूआई दर्ज किया गया.

मौसम परिवर्तन का कृषि पर असर: कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है. इसके कारण बाढ़, सूखा, कृषि संकट, खाद्य सुरक्षा और बीमारियों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है, जिससे फसलों के उत्पादन में भी गिरावट की संभावना है. गेहूं, सरसों, जौ और आलू सहित विभिन्न फसलों को कम तापमान की आवश्यकता होती है, जबकि तापमान बढ़ना इन फसलों के लिए हानिकारक होता है. अधिक तापमान बढ़ने से मक्का, ज्वार और धान आदि फसलों को नुकसान होता है.

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