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NCRB रैंकिंग में 10वीं बार पहले स्थान पर हरियाणा पुलिस, नेफिस सॉफ्टवेयर से हत्या समेत 26 अन्य मामले सुलझाए - NCRB RANKING 2024

हरियाणा पुलिस ने एनसीआरबी 2024 की रैंकिंग में 10वीं बार पहला स्थान हासिल किया है. पुलिस ने नेफिस सॉफ्टवेयर से 26 मामले सुलझाए हैं.

NCRB RANKING 2024
10वीं बार पहले स्थान पर हरियाणा पुलिस (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 20, 2025, 10:27 PM IST

पंचकूला: गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की ओर से क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) की मासिक रैकिंग जारी की है, जिसमें हरियाणा पुलिस ने वर्ष-2024 में 10वीं बार प्रथम स्थान हासिल किया है. इसके लिए पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने सीसीटीएनएस की पूरी टीम को बधाई दी है.

राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो(एससीआरबी) के निदेशक शिवास कबिराज ने बताया कि सीसीटीएनएस को विकसित करने का उद्देश्य अपराध की जांच और अपराधियों की धरपकड़ के लिए एक व्यापक और एकीकृत प्रणाली विकसित करना है.

17 महीने में 15 बार हरियाणा पुलिस प्रथम स्थान पर: पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर के अगस्त-2023 में पदभार संभालने के बाद एससीआरबी में तकनीकी कार्यक्षमता बढ़ाने और कार्यप्रणाली को बेहतर करने के लिए कई सकारात्मक बदलाव किए गए. इसके चलते बीते 17 महीने में 15 बार एनसीआरबी की मासिक रैकिंग में हरियाणा पुलिस प्रथम स्थान पर रही. केंद्र सरकार द्वारा जारी इस मासिक रैंकिंग में विभिन्न मापदंडों पर प्रदेश पुलिस ने बेहतर प्रदर्शन किया है. हरियाणा पुलिस ने अगस्त व सितंबर-2024 में 99.99 प्रतिशत स्कोर के साथ देश भर में तीसरा स्थान प्राप्त किया था. जबकि अन्य माह में हरियाणा पुलिस ने शत-प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं.

सीसीटीएनएस से इन कार्यों में सफलता:वर्तमान में सीसीटीएनएस के माध्यम से प्रदेश पुलिस द्वारा प्राथमिकी पंजीकरण, गैर संज्ञेय रिपोर्ट, मेडिको लीगल केस, गुमशुदा व्यक्ति, खोई हुई संपत्ति, लापता मवेशी, विदेशी पंजीकरण, सी-फार्म, लावारिस/परित्यक्त संपत्ति, अज्ञात/पाया व्यक्ति, निवारक कार्यवाही, पर्यवेक्षण रिपोर्ट/प्रगति का पंजीकरण, अज्ञात मृत शरीर/अस्वाभाविक मृत्यु पंजीकरण, अनुसंधान संबंधी कार्य, शिकायतों के पंजीकरण और डेटाबैंक सेवाएं आदि काम किए जा रहे हैं.

54 हजार से अधिक फिंगरप्रिंट का डाटा अपलोड:सीसीटीएनएस का प्रयोग पुलिस की तरफ से अपराध व अपराधियों का डेटाबेस तैयार करने के लिए किया जाता है. इसी क्रम में स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा संचालित नेफिस सॉफ्टवेयर में पिछले वर्ष 54,405 फिंगर प्रिंट का डाटा अपलोड किया गया. साथ ही, गिरफ्तार किए अभियुक्तों व अनजान शवों के डाटा से साथ मिलान किया गया. अपलोड किए गए इन फिंगर प्रिंटस में से 25,400 फिंगर प्रिंट स्लिप नेफिस के रिकॉर्ड से मैच हो गई, जिनका पहले से आपराधिक रिकॉर्ड रहा है. वर्ष-2024 में क्राइम सीन से करीब 2392 चांस प्रिंट (वारदात वाले स्थान से उठाए जाने वाले नमूने) उठाये गए. इनमें से 916 चांस प्रिंट का डेटा सफलतापूर्वक अपलोड करके उन्हें नेफिस पर वेरीफाई किया गया.

नेफिस से 16 अज्ञात शवों की पहचान, 26 मामले सुलझाए:नेफिस सिस्टम के बारे में पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित करने के लिए हरियाणा पुलिस द्वारा 46 वर्कशॉप आयोजित की गई. अब तक नेफिस सिस्टम की सहायता से 16 अज्ञात शवों की पहचान भी की है, जिनका पिछला आपराधिक रिकॉर्ड रहा है. वर्ष-2024 में नेफिस सॉफ्टवेयर के माध्यम से 26 मामले सुलझाए गए, जिनमें 6 हत्या के केस शामिल थे.

एफआईआर का डाटा सीसीटीएनएस पर किया जा रहा अपलोड:प्रदेश के सभी पुलिस थानों को सीसीटीएनएस से जोड़ा जा चुका है. वर्तमान में सीसीटीएनएस द्वारा ही एफआईआर लिखी जा रही है. प्रदेश में नेशनल साइबर हेल्पलाइन 1930 का स्कोर प्रगति डैशबोर्ड पर 100 प्रतिशत रहा है, जिसका अभिप्राय है कि वर्तमान में प्रदेश पुलिस द्वारा साइबर हेल्पलाइन नंबर पर प्राप्त होने वाली शिकायतों पर त्वरित और प्रभावशाली कार्यवाही की जा रही है.

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