ETV Bharat / state

जींद जिला परिषद अध्यक्ष मनीषा रंधावा और पति कुलदीप भाजपा में शामिल, अविश्वास प्रस्ताव से पहले बढ़ी सियासी हलचल - MANISHA RANDHAWA JOIN BJP

जिला परिषद जींद के चेयरमैन मनीषा रंधावा और उनके पति कुलदीप भाजपा में शामिल हो गए.

MANISHA RANDHAWA JOIN BJP
मनीषा रंधावा और पति कुलदीप भाजपा में शामिल (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 22, 2025, 7:36 PM IST

जींद: जिला परिषद अध्यक्ष मनीषा रंधावा और उनके पति कुलदीप रंधावा भाजपा में शामिल हो गए हैं. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बडौली के नेतृत्व में रोहतक स्थित उनके कार्यालय में दोनों ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. इससे पहले मनीषा ने ऑनलाइन भाजपा सदस्यता ली थी, लेकिन जिले के स्थानीय नेताओं ने इसे स्वीकार नहीं किया था. अब दोनों के भाजपा में शामिल होने से जिला परिषद अध्यक्ष पद को लेकर चल रही खींचतान खत्म होगी या बढ़ेगी, यह भविष्य बताएगा.

फिलहाल, जिला परिषद में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर 24 फरवरी को चौथी बार बैठक होनी है. इससे पहले 11 फरवरी को हाईकोर्ट ने बैठक की तारीख तय की थी और डीसी को शामिल होने के निर्देश दिए थे, लेकिन डीसी सरकारी कार्य से बाहर चले गए थे. गौरतलब है कि दिसंबर 2024 से चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर तीन बैठकें रद्द हो चुकी हैं. हाईकोर्ट ने डीसी को 24 फरवरी को बैठक करवाने का समय दिया है. इससे दो दिन पहले ही मनीषा और कुलदीप ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के नेतृत्व में पार्टी ज्वाइन कर ली.

Manisha Randhawa join BJP
24 फरवरी को थी अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग, अब भाजपा में शामिल (ETV Bharat)

कुर्सी बचाने का अंतिम प्रयास : बैठक से ठीक पहले मनीषा ने रोहतक में मोहनलाल बडौली से मुलाकात की. यह उनकी कुर्सी बचाने का प्रयास माना जा रहा है. पहले तीन रद्द बैठकों में उनके पास बहुमत का दावा था. उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ फोटो भी वायरल की थी, लेकिन बात नहीं बनी. इसके बाद अदालत का सहारा लिया गया. तीसरी बार हाईकोर्ट ने डीसी को बैठक का निर्देश दिया, लेकिन डीसी प्रशासनिक कार्य से चंडीगढ़ गए. अब 13 फरवरी को चौथी बैठक का आदेश आया है. इसे सफल बनाने के लिए चेयरपर्सन ने भाजपा का दामन थामा.

तारीखों का खेल और विकास पर असर:

2 दिसंबर को 25 सदस्यों वाली जिला परिषद में 18 पार्षदों ने डीसी को शपथपत्र देकर अविश्वास प्रस्ताव की मांग की थी. 13 दिसंबर को बैठक तय हुई, लेकिन डीसी की छुट्टी के कारण रद्द हो गई. फिर 22 जनवरी और 11 फरवरी को भी डीसी के अनुपस्थित रहने से बैठक टली.

अविश्वास से बचाव के लिए जरूरी समर्थन:

चेयरपर्सन को अविश्वास प्रस्ताव से बचने के लिए 9 पार्षदों का समर्थन चाहिए, जबकि विरोधियों को इसे पारित करने के लिए 17 सदस्यों की जरूरत है. कुछ पार्षद तटस्थ हैं. तीनों रद्द बैठकों में चेयरपर्सन समय पर पहुंचीं, लेकिन विरोधी अनुपस्थित रहे.

इसे भी पढ़ें : जींद में तीसरी बार जिला परिषद की बैठक रद्द, चीफ सेक्रेटरी की बैठक में गए डीसी, हाईकोर्ट में 13 को सुनवाई

जींद: जिला परिषद अध्यक्ष मनीषा रंधावा और उनके पति कुलदीप रंधावा भाजपा में शामिल हो गए हैं. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बडौली के नेतृत्व में रोहतक स्थित उनके कार्यालय में दोनों ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. इससे पहले मनीषा ने ऑनलाइन भाजपा सदस्यता ली थी, लेकिन जिले के स्थानीय नेताओं ने इसे स्वीकार नहीं किया था. अब दोनों के भाजपा में शामिल होने से जिला परिषद अध्यक्ष पद को लेकर चल रही खींचतान खत्म होगी या बढ़ेगी, यह भविष्य बताएगा.

फिलहाल, जिला परिषद में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर 24 फरवरी को चौथी बार बैठक होनी है. इससे पहले 11 फरवरी को हाईकोर्ट ने बैठक की तारीख तय की थी और डीसी को शामिल होने के निर्देश दिए थे, लेकिन डीसी सरकारी कार्य से बाहर चले गए थे. गौरतलब है कि दिसंबर 2024 से चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर तीन बैठकें रद्द हो चुकी हैं. हाईकोर्ट ने डीसी को 24 फरवरी को बैठक करवाने का समय दिया है. इससे दो दिन पहले ही मनीषा और कुलदीप ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के नेतृत्व में पार्टी ज्वाइन कर ली.

Manisha Randhawa join BJP
24 फरवरी को थी अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग, अब भाजपा में शामिल (ETV Bharat)

कुर्सी बचाने का अंतिम प्रयास : बैठक से ठीक पहले मनीषा ने रोहतक में मोहनलाल बडौली से मुलाकात की. यह उनकी कुर्सी बचाने का प्रयास माना जा रहा है. पहले तीन रद्द बैठकों में उनके पास बहुमत का दावा था. उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ फोटो भी वायरल की थी, लेकिन बात नहीं बनी. इसके बाद अदालत का सहारा लिया गया. तीसरी बार हाईकोर्ट ने डीसी को बैठक का निर्देश दिया, लेकिन डीसी प्रशासनिक कार्य से चंडीगढ़ गए. अब 13 फरवरी को चौथी बैठक का आदेश आया है. इसे सफल बनाने के लिए चेयरपर्सन ने भाजपा का दामन थामा.

तारीखों का खेल और विकास पर असर:

2 दिसंबर को 25 सदस्यों वाली जिला परिषद में 18 पार्षदों ने डीसी को शपथपत्र देकर अविश्वास प्रस्ताव की मांग की थी. 13 दिसंबर को बैठक तय हुई, लेकिन डीसी की छुट्टी के कारण रद्द हो गई. फिर 22 जनवरी और 11 फरवरी को भी डीसी के अनुपस्थित रहने से बैठक टली.

अविश्वास से बचाव के लिए जरूरी समर्थन:

चेयरपर्सन को अविश्वास प्रस्ताव से बचने के लिए 9 पार्षदों का समर्थन चाहिए, जबकि विरोधियों को इसे पारित करने के लिए 17 सदस्यों की जरूरत है. कुछ पार्षद तटस्थ हैं. तीनों रद्द बैठकों में चेयरपर्सन समय पर पहुंचीं, लेकिन विरोधी अनुपस्थित रहे.

इसे भी पढ़ें : जींद में तीसरी बार जिला परिषद की बैठक रद्द, चीफ सेक्रेटरी की बैठक में गए डीसी, हाईकोर्ट में 13 को सुनवाई

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.