कुरुक्षेत्र:आजकल समाज में स्वार्थ का बड़ा बोलबाला है. स्वार्थ के ही रिश्ते बनाए जाते हैं. दोस्त बनाए जाते हैं जब स्वार्थ पूरा हो जाता है. तब उनको छोड़ दिया जाता है. लेकिन समाज में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो बिना किसी स्वार्थ के समाज सेवा कर रहे हैं. ऐसे ही कुरुक्षेत्र के एक गोताखोर प्रगट सिंह है. जो बिना किसी स्वार्थ के समाज सेवा करते हैं और इंसानियत की नई मिसाल बना रहे हैं. प्रगट सिंह ने हजारों घरों के चिराग बुझने से बचाए हैं. हजारों लोगों के घरों को फिर से बसाया है.
'समाज के नाम सारे काम': गोताखोर प्रगट सिंह गांव दबखेड़ी कुरुक्षेत्र के रहने वाले हैं. प्रगट सिंह एक गोताखोर के तौर पर काम करता है लेकिन वह अपने इस गोताखोर के हुनर से पैसे ना कम कर सिर्फ नाम कमा रहा है और इंसानियत के लिए एक मिसाल बनता जा रहा है. गोताखोर प्रगट सिंह पिछले 24 सालों से निस्वार्थ भाव से मुफ्त में नहर, तालाब इत्यादि में डूबने वाले लोगों को पानी से बाहर निकालने का काम कर रहे हैं. इसमें वह हजारों लोगों को जिंदा बाहर निकाल चुके हैं तो हजारों लोगों को मरने के बाद नहर से बाहर निकाल कर उनके परिवार को सौंप चुके हैं. ताकि वह अंतिम बार अपनों को देख सके और उनका अंतिम संस्कार कर सके.
कैसे शुरू हुआ सामाजिक सेवा का सफर:गोताखोर प्रगट सिंह ने बताया कि आज से करीब 24 वर्ष पहले उन्होंने गोताखोर बनकर समाज सेवा करने का बीड़ा उठाया था. उन्होंने कहा कि वह एक गांव का रहने वाला है और उनका गांव नहर के किनारे बसा हुआ है. वह अपने पशु चराने के लिए अक्सर नहर के आसपास जाया करते थे और पशु को नहलाने के लिए नहर में भी ले जाते थे. वहां उन्होंने तैराकी सीख ली. धीरे-धीरे वह ऐसे लोगों को नहर के पानी से बाहर निकलने लगे जो नहर में दुर्घटना से गिर जाते थे या फिर आत्महत्या करने का प्रयास करते थे.
हजारों लोगों को डूबने से बचाया:गोताखोर प्रगट सिंह ने कहा कि वह पिछले 24 वर्षों से समाज सेवा कर रहे हैं. जिसके चलते उन्होंने अपने अब तक के जीवन में 17 हजार से ज्यादा नहर में डूबे हुए शवों को बाहर निकाला है. जिनकी पहचान हो गई उनको उनके परिवार को सौंप दिया जाता है और जिन लोगों की पहचान नहीं हो पाती उनको पुलिस को सौंप दिया जाता है. जबकि 3400 से ज्यादा पानी में डूबने वाले लोगों को जिंदा पानी से बाहर निकाला है. उनका जीवन बचाने का काम किया है और उनके परिवार से मिलवाया है.
नहर से गाय का भी किया रेस्क्यू:गोताखोर प्रगट सिंह बताते हैं कि उन्होंने अभी तक 700 से ज्यादा नीलगाय और पालतू गाय नहर से बाहर निकाल कर उनकी भी जान बचा चुके हैं. यह किसी हादसे का शिकार होकर नहर में गिर जाती है या फिर पीछे कुत्ते पढ़ने के बाद यह घबरा कर नहर में कूद जाती है. वहीं, 18 आदमखोर मगरमच्छ को पकड़कर उनका भी रेस्क्यू किया है और वन विभाग की टीम को सौंपा है. कुरुक्षेत्र जिले में आदमखोर मगरमच्छों ने काफी आतंक मचाया है. जिसके चलते लोग खेतों में जाने से भी डरते थे. ऐसे में प्रगट सिंह ने अपनी टीम के साथ आदमखोर मगरमच्छों को जिंदा पकड़कर लोगों को राहत की सांस दिलाई है तो उनको सुरक्षित स्थान पर भी पहुंचने का काम किया है.