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भिवानी के भाई-बहन का छोटी उम्र में बड़ा धमाल, हार्दिक और लावण्या का नाम एशिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज - ASIA BOOK OF RECORDS

छोटी उम्र में बड़ी उपलब्धि के लिए भिवानी के धावक भाई-बहन का नाम एशिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज किया गया है.

Asia Book Of Records
हार्दिक और लावण्या का नाम एशिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 19, 2025, 8:14 PM IST

भिवानी: मिनी क्यूबा के नाम से प्रसिद्ध भिवानी जिले के खिलाड़ियों ने एक बार फिर से खेल नगरी भिवानी का नाम रौशन किया है. हम बात कर रहे हैं धावक हार्दिक और लावण्या की, जिनकी उम्र 11 और 12 वर्ष है. दोनों ने छोटी सी उम्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है. इस उपलब्धि के लिए दोनों भाई-बहनों का नाम न केवल इंडिया बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड में है बल्कि एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया है.

15 किलोमीटर की दौड़ःबता दें कि हार्दिक 12 वर्ष और लावण्या 11 वर्ष की है जो अब तक हरियाणा राज्य स्तरीय तीन हाफ मैराथन में दौड़ चुके हैं. हाफ मैराथन में निर्धारित समय में 10 किलोमीटर की दौड़ पूरी करनी होती है, लेकिन दोनों भाई-बहन ने 15 किलोमीटर की दूरी निर्धारित समय में तय की है. हार्दिक और लावण्या के पिता राजेश ने बताया कि दोनों भाई बहन हरियाणा में 3 राज्यस्तरीय हाफ मैराथन में दौड़ चुके हैं. पहली मैराथन एक घंटा 24 मिनट में पूरी की, फरीदाबाद में 10 किलोमीटर की दूरी 59 मिनट 43 सेकंड में पूरी की.

उम्र छोटी में बड़ी उपलब्धि (Etv Bharat)

इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज :वहीं लावण्या ने एक घंटे 6 मिनट 40 सेकंड में दौड़ पूरी की, जोकि अपनी उम्र में टॉप टेन में रही. उन्होंने बताया कि जिस स्कूल में दोनों पढ़ते हैं, उसके खेल मैदान में 21 किलोमीटर की दूरी 2 घंटा 4 मिनट 14 सेकंड में पूरी की, जिसका लाइव टेलिकास्ट डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से किया गया था. उनकी इसी उपलब्धि पर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कर सम्मानित किया गया.


एक घंटे से कम समय में तय कर चुके हैं 10 किलोमीटर की दूरीःउन्होंने बताया की रेवाड़ी में हुई हॉफ मैराथन में इनके समय में सुधार आया है. 10 किलोमीटर की दूरी हार्दिक ने 54 मिनट 14 सेकंड में तो लावण्या ने एक घंटा एक मिनट एक सेकंड में पूरी की. इसके साथ ही 15-15 किलोमीटर की ट्रैक पर दौड़े. इस रिकार्ड के लिए दोनों का नाम एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कर सम्मानित किया गया.


लक्ष्य देश के लिए ओलिंपिक मेडल लानाःवहीं हार्दिक और लावण्या ने कहा कि ओलिंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए मेडल लाना उनका लक्ष्य है. उन्होंने इस उपलब्धि का श्रेय माता-पिता और गुरुजनों को दिया है. दोनों ने कहा कि पिता से प्रेरणा मिली है, जिसके चलते हम आगे बढ़ रहे हैं.

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