चंडीगढ़ :हरियाणा विधानसभा के पहले सत्र के बाद अब हरियाणा विधानसभा स्पीकर हरविंद्र कल्याण ने 13 कमेटियों का गठन कर डाला है. इन कमेटियों में मंत्री नहीं बन पाने वाले कई विधायकों को भी जगह मिली है. इनकी लिस्ट भी जारी कर दी गई है. जानिए किसे-किसे कमेटियों में जगह मिली है.
हरियाणा स्पीकर ने बनाई 13 कमेटियां :हरियाणा में 13 कमेटियों के गठन को विधानसभा स्पीकर हरविंद्र कल्याण ने हरी झंडी देते हुए लिस्ट आखिरकार जारी कर दी है. जारी की गई लिस्ट के मुताबिक सबसे दिलचस्प बात ये है कि 13 कमेटियों में से एक भी कमेटी में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा को चेयरमैन नहीं बनाया गया है. वहीं जींद के जुलाना से पहली बार विधानसभा पहुंची रेसलर और कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट को एक कमेटी में जगह दी गई है. वहीं हिसार से निर्दलीय विधायक सावित्री जिंदल को 3 कमेटियों में जगह दी गई है.
किसे मिली क्या जिम्मेदारी ? :वहीं नियमों संबंधी समिति के चेयरमैन खुद विधानसभा स्पीकर हरविंद्र कल्याण होंगे, जबकि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को इस समिति में सदस्य बनाया गया है. इसके अलावा बल्लभगढ़ के विधायक मूलचंद शर्मा को प्रिविलेज कमेटी का चेयरमैन बनाया गया है. वे नायब सिंह सैनी कैबिनेट में मंत्री बनने से चूक गए थे क्योंकि उनका नाम कैबिनेट मंत्रियों के लिए चर्चा में चल रहा था. वहीं नूंह से कांग्रेस विधायक आफताब अहमद को लोक लेखा समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. रोहतक से कांग्रेस विधायक बीबी बत्रा को सरकारी आश्वासनों संबंधी समिति की जिम्मेदारी मिली है. वहीं प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा प्रोटोकॉल का पालन करने और उनके साथ होने वाले दुर्व्यवहार की जांच करने की कमेटी की जिम्मेदारी विधायक विनोद भयाना को मिली है. सफीदों के भाजपा विधायक रामकुमार गौतम को पब्लिक अंडरटेकिंग कमेटी का चेयरमैन पद दिया गया है. अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण कमेटी का चेयरमैन भाजपा विधायक भगवान दास कबीरपंथी को बनाया गया है. शहरी निकाय एवं पंचायती राज संस्थाओं की कमेटी का चेयरमैन भाजपा विधायक घनश्याम सर्राफ को बनाया गया है.
मंगलवार को होंगी बैठकें :आपको बता दें कि हर कमेटी में चेयरमैन के अलावा 8 से 9 विधायकों को शामिल किया गया है. ये समितियां सरकारी कार्यों की देखरेख करने में अपनी अहम भूमिका निभाती है. इन समितियों की विधानसभा में हर मंगलवार को बैठकें भी होंगी. इन समितियों में दोनों पक्ष और विपक्ष के विधायकों को पूरा प्रतिनिधित्व दिया जाता है.