कुरुक्षेत्र: कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में सरस्वती नदी पर हुए शोध कार्यों पर मंथन हुआ. इस दौरान सीएम ओएसडी भारत भूषण भारती ने कहा कि सरस्वती के पुनर्जीवन से डार्क जोन में जा रहे इलाके की पानी की समस्या का निदान होगा. सरस्वती नदी के किनारे ग्रन्थों, वेदों और उपनिषदों की रचना हुई है.
गौरतलब है कि कुरुक्षेत्र के पिहोवा में सरस्वती तीर्थ पर अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. पहली बार अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव को बड़े स्तर पर मनाया जा रहा है. इसीके चलते कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में सरस्वती नदी पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में सरस्वती नदी पर हुए शोध कार्यों पर मंथन हुआ. इसमें सीएम ओएसडी भारत भूषण, सरस्वती हेरिटेज बोर्ड उपाध्यक्ष धूम्म्न सिंह और भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील राणा ने शिरकत की.
सरस्वती के पुनर्जीवन से पानी की समस्या दूर होगी : इस अवसर पर सीएम के ओएसडी भारत भूषण भारती ने कहा कि सरस्वती के पुनर्जीवन से डार्क जोन में जा रही धर्मनगरी की पानी की समस्या का निदान होगा. साथ ही इस संगोष्ठी से आने वाली पीढ़ी को सरस्वती के महत्व बारे में पता चलेगा.
क्या बोले सीएम के ओएसडी : भारत भूषण भारती ने कहा कि सरस्वती एक नदी नहीं बल्कि ज्ञान की देवी भी मानी जाती है. धार्मिक ग्रन्थों में भी उल्लेख है कि धर्मनगरी और इसके आसपास सरस्वती नदी के किनारे ही ऋषियों-महर्षियों ने धार्मिक ग्रन्थों वेदों और उपनिषदों की रचना की है. इसलिए इसका बहुत ही ज्यादा महत्व है और इसके लिए यहां पर सरस्वती सेमिनार का आयोजन किया गया है, जहां पर सरस्वती नदी पर हो रहे शोध कार्य पर गहन मंथन किया जाएगा.
गीता महोत्सव की तर्ज पर मनाया जा रहा सरस्वती महोत्सव : वहीं, सरस्वती हेरिटेज बोर्ड उपाध्यक्ष धूम्म्न सिंह ने बताया कि सरस्वती महोत्सव 4 फरवरी तक चलेगा. कल मुख्यमंत्री के कर कमलों से इसकी शुरुआत हुई है. हालांकि सरस्वती महोत्सव पिछले कई सालों से कुरुक्षेत्र में मनाया जा रहा है, लेकिन पहली बार इसको अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जा रहा है. अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की तर्ज पर ही इस बार सरस्वती महोत्सव का आगाज हुआ है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि वो सरस्वती महोत्सव में जरूर पहुंचे ताकि इस आयोजन को सफल बनाया जा सके.
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