ETV Bharat / state

भर्ती फर्जीवाड़ा केस में 2004 बैच के 5 HCS अधिकारियों को 20 साल बाद राहत, FIR होगी रद्द - HARYANA CIVIL SERVICE

हरियाणा में 2004 बैच के 5 एचसीएस अधिकारियों को हाईकोर्ट से राहत मिली है. उनके चयन को लेकर दर्ज एफआईआर रद्द होगी.

HARYANA CIVIL SERVICE
5 HCS अधिकारियों को 20 साल बाद राहत (Photo- Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 30, 2025, 5:44 PM IST

पंचकूला: हरियाणा में वर्ष 2004 बैच के हरियाणा सिविल सेवा (एचसीएस) अधिकारियों को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाई कोर्ट ने एचसीएस अधिकारियों के चयन में अनियमिताओं के संबंध में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा दर्ज एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने यह आदेश ओपन कोर्ट में जारी किया.

जस्टिस एनएस शेखावत ने 2004 बैच के जयवीर यादव और अन्य एचसीएस अधिकारियों द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए यह आदेश पारित किया. इन अधिकारियों का चयन हरियाणा के तत्कालीन सीएम ओमप्रकाश चौटाला के नेतृत्व वाली इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) की सरकार द्वारा किया गया था.

एसीबी का 27 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र

इस मामले में याचिकाकर्ताओं ने अक्टूबर 2005 में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने के निर्देश मांगे थे. जबकि 5 जुलाई 2003 को एसीबी ने एचसीएस अधिकारियों के 2004 बैच के चयन में आयोग द्वारा भारी अनियमिताओं और कदाचार के संबंध में पांच एचसीएस अधिकारियों (याचिकाकर्ताओं), पूर्व अध्यक्ष और एचपीएससी के सदस्यों समेत 27 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र प्रस्तुत किया था. यह आरोप पत्र जिला अदालत हिसार के समक्ष प्रस्तुत किया गया. इसमें सभी आरोपियों को अभियोजन का सामना करने के लिए कहा गया था.

साफ छवि वाले उम्मीदवारों की नियुक्ति

याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि एक बार मौजूदा राज्य सरकार ने 2016 में एसीबी (तत्कालीन राज्य सतर्कता ब्यूरो) से मंजूरी मिलने के बाद उन्हें नियुक्ति दे दी थी. ऐसे में उन पर दोबारा केस नहीं चलाया जा सकता. कोर्ट को बताया गया कि जयवीर यादव और अन्य उम्मीदवारों समेत याचिकाकर्ताओं ने 2012 में हाईकोर्ट के समक्ष 'अपूर्व और अन्य बनाम हरियाणा राज्य और अन्य' शीर्षक से एक मामला दायर किया था. इसमें खंडपीठ ने कहा था कि जो उम्मीदवार दागी नहीं हैं, उन्हें मौजूदा रिक्तियों के लिए नए उम्मीदवार के रूप में माना जाएगा और नियुक्ति दी जाएगी.

जांच में 38 उम्मीदवारों को क्लीन चिट

राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने जांच की तो उन्होंने कोई अनियमितता नहीं पाई. जांच रिपोर्ट को राज्य सतर्कता ब्यूरो को भेज दिया गया, जिसने याचिकाकर्ताओं समेत 38 उम्मीदवारों को क्लीन चिट दे दी थी.

ये भी पढ़ें- गवर्नमेंट शिक्षकों की बंपर भर्ती, इस राज्य ने निकाली वैकेंसी, JBT के 1000 से अधिक पद

ये भी पढ़ें- हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला की अस्थि कलश यात्रा संपन्न, कई जगहों पर श्रद्धांजलि सभा का हुआ आयोजन

ये भी पढ़ें- दलित छात्रा सुसाइड मामले में महिला आयोग ने लिया संज्ञान, किसान नेता डल्लेवाल पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

पंचकूला: हरियाणा में वर्ष 2004 बैच के हरियाणा सिविल सेवा (एचसीएस) अधिकारियों को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाई कोर्ट ने एचसीएस अधिकारियों के चयन में अनियमिताओं के संबंध में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा दर्ज एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने यह आदेश ओपन कोर्ट में जारी किया.

जस्टिस एनएस शेखावत ने 2004 बैच के जयवीर यादव और अन्य एचसीएस अधिकारियों द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए यह आदेश पारित किया. इन अधिकारियों का चयन हरियाणा के तत्कालीन सीएम ओमप्रकाश चौटाला के नेतृत्व वाली इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) की सरकार द्वारा किया गया था.

एसीबी का 27 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र

इस मामले में याचिकाकर्ताओं ने अक्टूबर 2005 में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने के निर्देश मांगे थे. जबकि 5 जुलाई 2003 को एसीबी ने एचसीएस अधिकारियों के 2004 बैच के चयन में आयोग द्वारा भारी अनियमिताओं और कदाचार के संबंध में पांच एचसीएस अधिकारियों (याचिकाकर्ताओं), पूर्व अध्यक्ष और एचपीएससी के सदस्यों समेत 27 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र प्रस्तुत किया था. यह आरोप पत्र जिला अदालत हिसार के समक्ष प्रस्तुत किया गया. इसमें सभी आरोपियों को अभियोजन का सामना करने के लिए कहा गया था.

साफ छवि वाले उम्मीदवारों की नियुक्ति

याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि एक बार मौजूदा राज्य सरकार ने 2016 में एसीबी (तत्कालीन राज्य सतर्कता ब्यूरो) से मंजूरी मिलने के बाद उन्हें नियुक्ति दे दी थी. ऐसे में उन पर दोबारा केस नहीं चलाया जा सकता. कोर्ट को बताया गया कि जयवीर यादव और अन्य उम्मीदवारों समेत याचिकाकर्ताओं ने 2012 में हाईकोर्ट के समक्ष 'अपूर्व और अन्य बनाम हरियाणा राज्य और अन्य' शीर्षक से एक मामला दायर किया था. इसमें खंडपीठ ने कहा था कि जो उम्मीदवार दागी नहीं हैं, उन्हें मौजूदा रिक्तियों के लिए नए उम्मीदवार के रूप में माना जाएगा और नियुक्ति दी जाएगी.

जांच में 38 उम्मीदवारों को क्लीन चिट

राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने जांच की तो उन्होंने कोई अनियमितता नहीं पाई. जांच रिपोर्ट को राज्य सतर्कता ब्यूरो को भेज दिया गया, जिसने याचिकाकर्ताओं समेत 38 उम्मीदवारों को क्लीन चिट दे दी थी.

ये भी पढ़ें- गवर्नमेंट शिक्षकों की बंपर भर्ती, इस राज्य ने निकाली वैकेंसी, JBT के 1000 से अधिक पद

ये भी पढ़ें- हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला की अस्थि कलश यात्रा संपन्न, कई जगहों पर श्रद्धांजलि सभा का हुआ आयोजन

ये भी पढ़ें- दलित छात्रा सुसाइड मामले में महिला आयोग ने लिया संज्ञान, किसान नेता डल्लेवाल पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.