चंडीगढ़: हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने भ्रष्टाचार के आरोप में सहकारिता विभाग के संयुक्त रजिस्ट्रार नरेश कुमार गोयल को पंचकूला से गिरफ्तार किया है. एसीबी की टीम ने आरोपी की गिरफ्तारी बीते दिनों सहकारिता विभाग में उजागर हुए करोड़ों रुपये के घोटाले के मामले में की है.
सह-आरोपियों के साथ मिलकर करोड़ों रुपये की राशि का गबन: सहकारिता विभाग में घोटाले की जांच का जिम्मा एंटी करप्शन ब्यूरो को मिला था. मामले में पड़ताल के दौरान अब तक कई गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं. आरोप हैं कि नरेश कुमार गोयल ने अपने सह-आरोपियों के साथ मिलकर सरकार के करोड़ों रुपए की धनराशि का गबन किया है.
आरोपियों ने गबन की राशि से फ्लैट और जमीन खरीदी: हरियाणा सहकारिता विभाग की ओर से संचालित एकीकृत सहकारी विकास परियोजना (आईसीडीपी) में 100 करोड़ रुपए के घोटाले का खुलासा हुआ था. इसमें शामिल सहकारिता विभाग के सहायक रजिस्ट्रार, सहकारी समिति के जिला रजिस्ट्रार और ऑडिटर ने मिलीभगत कर गोदाम व भवन का निर्माण कराए बिना ही फर्जी बिलों से राशि का भुगतान करा लिया. फिर इस राशि से आरोपियों ने फ्लैट और जमीन भी खरीदी ली.
14 आरोपियों को किया गया गिरफ्तार: हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) इस मामले में 10 अधिकारियों समेत 14 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. इनमें से चार लोगों को 31 जनवरी से एक फरवरी के बीच गिरफ्तार किया गया था. गौरतलब है कि इस मामले पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी नजरें हैं.
विभाग ने पांच जिलों में शुरू करवाए थे निर्माण कार्य: गौरतलब है कि सहकारिता विभाग ने 2018 में प्रदेश के पांच जिलों- रेवाड़ी, करनाल, पानीपत, कैथल व अंबाला में आईसीडीपी के तहत निर्माण कार्य शुरू कराए थे. इसके तहत सहकारी समितियों की सहायता और सुविधा के लिए भवन निर्माण, फर्नीचर, गोदाम का निर्माण कराना था. इसके लिए नेशनल कोआपरेटिव डेवलपमेंट कारपोरेशन (एनसीडीसी) और हरियाणा सरकार द्वारा 50-50 फीसदी राशि दी गई थी. गजटेड