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हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट के 1 साल, जो बचे उन्हें मौत से ज्यादा दर्द, किसी के हाथ तो किसी के पैर नहीं - HARDA FACTORY BLAST 1 YEAR

हरदा में बीते वर्ष पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण ब्लास्ट के पीड़ितों दर्द आज भी झलकता है. ब्लास्ट में मारे गए थे 13 लोग

HARDA FACTORY BLAST
पटाखा फैक्ट्री को एक साल हुआ पूरा (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 6, 2025, 2:05 PM IST

Updated : Feb 6, 2025, 2:19 PM IST

हरदा: जिले में पटाखा फैक्ट्री मे हुए भीषण हादसे को एक साल पूरे हो गए हैं. सोमेश और राजेश अग्रवाल द्वारा चलाई जा रही अवैध पटाखा फैक्ट्री में बीते वर्ष 6 फरवरी को ब्लास्ट हुआ था. इसमें 13 लोगों की जान चली गई थी. 300 से अधिक लोग घायल हो गए थे, जो आज भी उस दिन को नहीं भुला पाते. प्रशासन द्वारा मृतकों के परिवारों व घायलों को कुछ हद तक आर्थिक मदद जरूर मिली, पर कई जख्म ऐसे हैं जिन्हें भर पाना मुश्किल है.

एक साल बाद भी जख्म हैं ताजा

शहर के मगरधा रोड पर संचालित सोमेश और राजेश अग्रवाल की पटाखा फैक्ट्री में बीते साल 6 फरवरी को ब्लास्ट हुआ था. इस त्रासदी में 60 मकान बुरी तरह छतिग्रस्त हो गए थे. इसमें 50 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे और 13 लोग काल के गाल में समा गए थे. घटना जो बच भी गए उनके एक साल बाद भी जख्म नहीं भरे हैं. किसी के हाथ कट गए तो किसी को अपने पैर गंवाने पड़े.

धमाके से दहल गया था हरदा (ETV Bharat)

कर्ज लौटाने को पैसा नहीं

घटना की एक पीड़िता सुमंत्रा बाई ने कहा, " फैक्ट्री ब्लास्ट जब हुआ तो मैं जान बचाकर भाग रही थी तभी अचानक गिर गई, इसमें मेरा एक हाथ टूट हो गया था, जिसे अब काटना पड़ा है. प्रशासन के द्वारा 50 हजार रुपए की सहायता राशि मिली थी. लेकिन मेरे इलाज में 4 लाख रुपए खर्च हुए हैं. कर्ज लेकर इलाज कराए थे, लेकिन कर्ज लौटाने का मेरे पास पैसा नहीं है."

हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट के एक साल (ETV Bharat)

दूर-दूर तक लोग आए थे चपेट में

ब्लास्ट में घायल दिनेश सोनी ने कहा, "ब्लास्ट के समय मै अपने घर पर काम कर रहा था. अचानक एक लोहे का एंगल उड़कर मेरे पैर में लगा. मेरे पैर का 3 बार ऑपरेशन हो चुका है, लेकिन अभी भी ठीक नहीं हुआ. प्रशासन के द्वारा 50 हजार रुपए की सहायता राशि मिली थी. लेकिन इलाज में 5 लाख से ज्यादा खर्च हो चुके हैं. मेरी पत्नी की दोनों किडनी खराब है. उसका भी इलाज साथ में चल रहा है. मैं घर में अकेले कमाने वाला हूं."

एक कमरे में कई परिवार करते हैं गुजारा

पटाखे फैक्ट्री ब्लास्ट में इलाके में रहने वाले कई परिवारों का घर छतिग्रस्त हो गया था. वह किसी तरह जिंदगी गुजारने को मजबूर है. पीड़ितों ने अपने दुख को साझा करते हुए कहा है कि हादसा को पूरे एक साल हो गए. लेकिन प्रशासन पीड़ितों कि सुध लेना भूल गया. एक कमरे में 3 से 4 परिवार रहने को मजबूर हैं.

हालांकि, इस मामले में कलेक्टर आदित्य सिंह ने कहा, " NGT के आदेश अनुसार मृतकों के परिजनों को 15-15 लाख की सहायता राशि दी गई है. वहीं जिनका मकान छतिग्रस्त हुआ है उन्हें 5 लाख रुपए और गंभीर रूप से घायल के लिए 5 लाख रुपए की सहायता राशि तय की गई थी. सामान्य घायलों को 3 लाख की राशि तय की गई थी. जिसकी सुनवाई कोर्ट में चल रही है. 11 फरवरी को अगली सुनवाई होगी. सुनवाई में आग्रह करेंगे कि पीड़ितों को पूर्ण मुआवजा दिया जाए."

Last Updated : Feb 6, 2025, 2:19 PM IST

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