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ज्ञानवापी प्रकरण : व्यास जी के तहखाने मामले में आज कोर्ट सुना सकती है फैसला, मुख्य वाद में सुनवाई 5 फरवरी को - ज्ञानवापी प्रकरण व्यास तहखाना

ज्ञानवापी परिसर में व्यास जी के तहखाने को लेकर मंगलवार को न्यायालय में सुनवाई हुई. कोर्ट बुधवार को कोई निर्णय दे सकती है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 30, 2024, 3:59 PM IST

Updated : Jan 31, 2024, 6:23 AM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर में व्यास जी के तहखाने को लेकर मंगलवार को न्यायालय में सुनवाई हुई. इस मामले में कल ही सुनवाई होनी थी, लेकिन न्यायालय में विपक्षी पक्ष हाजिर नहीं था. कोर्ट ने आज पुन: सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित की थी. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना है. ज्ञानवापी में व्यास जी के तहखाने की जिम्मेदारी जिलाधिकारी वाराणसी को सुपुर्द की जा चुकी है. उसके बाद अब यहां सोमनाथ व्यास के नाती शैलेंद्र पाठक की याचिका में यह भी निवेदन किया गया है कि तहखाने में 1993 से बंद पूजा-पाठ को पुनः आरंभ करवाया जाए. इसका अधिकार उन्हें दिया जाए. जिस पर कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद बुधवार को इस संदर्भ में पुनः सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित की है. संभव है कि इसके साथ ही फैसला आ जाए.

दरअसल ज्ञानवापी परिसर में व्यास जी के तहखाने को लेकर पिछले दिनों उनके नाती शैलेंद्र पाठक ने एक एप्लीकेशन दी थी. जिसमें तहखाने की सुपुर्दगी जिला अधिकारी वाराणसी को दिए जाने की अपील की थी. जिसमें उन्होंने यह आशंका जताई थी कि 1991 के विवाद के बाद 1993 में जब बैरिकेडिंग की गई तो उनके नाना सोमनाथ व्यास को यहां जाने से रोक दिया गया, जबकि उस तहखाने पर उनका कब्जा है. बहुत दिनों से वहां कोई गया नहीं. जिसकी वजह से मुस्लिम पक्ष उस पर अपना कब्जा कर सकता है. इस आशंका के तहत सोमनाथ व्यास के नाती शैलेंद्र पाठक ने विवाद न्यायालय में चलने तक इस पूरे तहखाने का केयरटेकर जिलाधिकारी वाराणसी को बनाए जाने के लिए अपील की थी.

जिस पर कोर्ट ने 17 जनवरी को आदेश देकर जिलाधिकारी वाराणसी को तहखाना अपने सुपुर्द लेने के आदेश दिए थे, जिस पर कार्रवाई करते हुए एडीएम प्रोटोकॉल ने दो दिन बाद ही मौके पर पहुंचकर तहखाने को कब्जे में ले लिया था. इस मामले में सुनवाई आगे भी जारी थी और सोमवार को तारीख निर्धारित की गई थी. जिस पर विपक्ष की तरफ से किसी के न आने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी. वहीं व्यास जी के नाती शैलेंद्र पाठक ने एप्लीकेशन देकर यह भी अपील की है कि 1993 तक जिस तरह से वहां पूजा पाठ जारी था, उसी तरह होता रहे. जिस पर कोर्ट ने दोनों पक्षों को मंगलवार को सुना. शैलेंद्र पाठक के वकील मदन मोहन का कहना है कि न्यायालय कल इस मामले में अपना आदेश दे सकता है.

ज्ञानवापी मुख्य वाद में सुनवाई 5 फरवरी में

वहीं ज्ञानवापी के मूल वाद 1991 लॉर्ड आदि विश्वेश्वर के मुकदमे में सीनियर जज सिविल डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट की अदालत में भी आज सुनवाई हुई. जिसमें इस मुकदमे के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी के द्वारा ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे की रिपोर्ट उपलब्ध कराए जाने की एप्लीकेशन पर कोर्ट ने उन्हें तत्काल रिपोर्ट की कॉपी दिए जाने का निर्देश दिया है. इस पर अगली सुनवाई पांच फरवरी को होगी.

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Last Updated : Jan 31, 2024, 6:23 AM IST

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